प्रदेश में मतांतरण पर कड़ी कार्रवाई,11 महीने में हुई 13 एफआईआर
ठंड में चंगाई सभाओं के जरिए मतांतरण के प्रयास तेज
मतांतरण रोकने के लिए कानून को सख्त बनाने पर विचार कर रही सरकार
रायपुर (चैनल इंडिया)। प्रदेश में शीत की आहट होते ही मतांतरण कराने वाली ईसाई मिशनरियां सक्रिय हो गई हैं। क्रिसमस से पहले चंगाई सभा करके मतांतरण के प्रयासों में तेजी आ गई है। इससे भाई-भाई में मनमुटाव और सास-बहू के बीच झगड़े की नौबत आ गई है। इसे चुनौती देते हुए हिंदू संगठनों ने भी मोर्चा खोल दिया है। कई जिलों में मतांतरण का जवाब घर वापसी कराकर दिया जा रहा है। जबरन मतांतरण कराने वालों के खिलाफ अपराधिक मामले भी दर्ज हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सरकार के 11 महीने में 13 एफआईआर हो चुकी है। इनमें चार मामले अकेले इसी एक महीने के हैं। मतांतरण कराने वाले परेशानी, दुख दूर करने और धन का प्रलोभन दे रहे हैं। पूर्ववर्ती कांग्रेस की भूपेश सरकार के पांच साल के कार्यकाल में महज 10 मामलों पर एफआईआर हुई थी। कार्रवाई का असर ये है कि लेाग खुलकर विरोध में उतर आए हैं। उत्तर छत्तीसगढ़ के सरगुजा, सूरजपुर और बलरामपुर जिले में मतांतरण का खुलकर विरोध हो रहा है। मतांतरण के लिए प्रलोभन के आरोप पर बलरामपुर जिले में चार अपराधिक प्रकरण दर्ज किए गए हैं। इनमें से तीन प्रकरण राजपुर थाना और एक प्रकरण बसंतपुर थाना से जुड़ा हुआ है।
प्रदेश भाजपा की सरकार बनने के बाद तमाम प्रार्थना सभाओं में निगरानी बढ़ गई है। प्रदेश के आदिवासी इलाकों में भोले-भाले आदिवासियों को मतांतरित नहीं किया जाए, इसके लिए विभिन्न सामाजिक संगठनों ने भी अभियान चला रखा है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने खुलेआम ऐलान किया था कि उनके लिए मतांतरण का अर्थ राष्ट्रांतरण है और हम सहन नहीं करेंगे।
राज्य सरकार ने मतांतरण रोकने के लिए छत्तीसगढ़ धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) अधिनियम, 2006 के प्रविधानों को सख्त बनाने की भी तैयारी की है। संशोधित विधि में जबरन मतांतरण कराने वालों को 10 साल तक की सजा का प्रविधान और दोषी पाए लोगों को तीन साल की जेल की सजा, 20,000 रुपये तक जुर्माना या दोनों का प्रविधान है। मतांतरण के लिए जिलाधीश को आवेदन करना होगा। मांतरण के बाद 60 दिन के भीतर एक घोषणा पत्र भरना होगा।
बस्तर में पहुंची 23 शिकायतें
जनवरी से अब तक बस्तर संभाग के कांकेर को छोड़कर के छह जिलों बस्तर, सुकमा, दंतेवाड़ा, नारायणपुर, कोंडागांव में पुलिस के पास 23 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। हालांकि किसी पर एफआइआर नहीं किया गया।
अरुण साव उपमुख्यमंत्री एवं विधि मंत्री ने कहा मतांतरण रोकने हम प्रतिबद्ध है ,जबरन मतांतरण रोकने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है। आने वाले में समय कानून में भी बदलाव के लिए विचार किया जा रहा है।