वैज्ञानिकों ने खोजी उड़ने वाले डायनासोरों की नई प्रजाति, लगभग 14.7 करोड़ साल पुराना मिला जीवाश्म

वैज्ञानिकों ने खोजी उड़ने वाले डायनासोरों की नई प्रजाति, लगभग 14.7 करोड़ साल पुराना मिला जीवाश्म

नई दिल्ली। एक नए शोध से डायनासोरों के उड़ने वाले चचेरे भाइयों की नई प्रजाति का पता चला है। जी हां! हाल ही में जर्मनी के बावरिया में उड़ने वाले डायनासोर पक्षी की नई प्रजाति का पता चला है। बावरिया नाम के इलाके में यह उड़ने वाला टेरोसॉर पक्षी 14.7 करोड़ साल पहले पाया जाता था। कहा जा रहा है कि जब यह पंख फैलाता था तब इसकी लंबाई 7 फीट हो जाती थी। इसकी चोंच से लेकर नथुने तक हड्डियों का खास ढांचा होता था। जबकि मुंह के अंदर तेजधार दांतों की सीरीज। इस जीव का फेवरेट शिकार होती थी छिपकलियां या फिर छोटे चूहे जैसी प्रजाति वाले जीव।

रिपोर्ट्स के अनुसार हाल ही में एक वैज्ञानिकों की टीम ने जर्मनी में उड़ने वाले डायनासोरों की नई प्रजाति को खोज निकाला है। उस डायनासोर का जीवाश्म खोजा है। यह जीवाश्म पूरी तरह से सुरक्षित है। इसकी वजह से टेरोसॉर डायनासोरों के बारे में और जानकारी मिल रही है।

वैज्ञानिकों के द्वारा इस प्रजाति को "स्किफोसुरा बावरिका" (Skiphosoura bavarica) नाम दिया गया है। इस प्रजाति के डायनासोर पक्षी जुरासिक काल के अंत समय में मौजूद थे। यह लंबी पूंछ वाले छोटे टेरोसॉरस डायनासोरों के शरीरिक बदलाव वाली स्पीसीज थी। 8 करोड़ साल पहले क्रेटासियस काल में ये Quetzalcoatlus नाम के जीव के पूर्वज बने। इनके विंग्स आज के F-16 फाइटर जेट जितने लंबे थे।