सरेंडर ब्रेकिंग : पहले पति के आत्मसमर्पण के बाद की दूसरी शादी,अब खुद की सरेंडर,20 लाख की इनामी महिला नक्सली झीरम नरसंहार में थी शामिल
रायपुर। झीरम घाटी नरसंहार में शामिल 20 लाख की इनामी महिला नक्सली ने 15 नवंबर को सरेंडर किया है। महिला नक्सली मंजुला उर्फ निर्मला ने तेलंगाना के वारंगल में पुलिस कमिश्नर के पास आत्मसमर्पण किया है।
मंजुला ने 30 साल पहले 1994 में माओवादी संगठन में शामिल हुई थी। मंजुला कुख्यात नक्सली लीडर कोडी कुमार स्वामी उर्फ आनंद एवं कोडी वेंकन्ना उर्फ गोपन्ना की बहन है और साथ ही दंडकरण स्पेशल जोनल कमिटी, साउथ सब डिविजन ब्यूरो की मेंबर है।
पुलिस आयुक्त अम्बर किशोर झा ने बताया कि जिले में लगातार नक्सल विरोधी अभियान चलाया जा रहा है। इसके चलते एक्टिव नक्सलियों से सरेंडर करने की अपील की जा रही है। इसके साथ ही सरकार की पुनर्वास नीति का जोर-शोर से प्रचार किया रहा है। शासन की योजनाओं से प्रभावित होकर महिला नक्सली ने सरेंडर किया है। शासन की ओर से निर्मला को सभी सुविधाएं पुनर्वास नीति के तहत दी जाएंगी।
पुलिस के मुताबिक साल 2013 में हुए झीरम घाटी हमले में कोड़ी मंजुला ऊर्फ निर्मला शामिल रही है। बता दें कि, झीरम घाटी हमले में कांग्रेस के लगभग 30 नेताओं और कार्यकर्ताओं की जान गई थी। झीरम घाटी हत्याकांड के अलावा मंजुला चित्यला, नरसापेट, एथूरनगरम और कई पुलिस स्टेशनों पर हुए गोलीबारी की आरोपी है।
कोडी मंजुला उर्फ निर्मला वारंगल जिले की पीपुल्स वार फोर्स की समर्थक रही है। उसका बड़ा भाई कोड़ी कुमार स्वामी उर्फ आनंद और चचेरा भाई कोड़ी वेंकन्ना उर्फ गोपन्ना नरसापेट में कमांडर के रूप में काम करते थे, लेकिन एक गोलीबारी में दोनों की मौत हो गई। दोनों की मौत के बाद मंजुला ने दसवीं में स्कूल छोड़ दिया। पीपुल्स वार ग्रुप की विचारधारा से प्रभावित कोड़ी मंजुला ने जनवरी 1994 में भाकपा (माले) पीपुल्स वार ग्रुप, नरसापेट दल में शामिल हो गयी।
इसके बाद निर्मला ने साल 1999 में परम बुचैया उर्फ़ सुरेंदर से विवाह कर लिया। इसी साल निर्मला के पति ने क्षेत्र सिटी सदस्य के रूप में कार्य संभाला। इसके बाद साल 2000 में पुलिस सटटेशन जाकर आत्मसमर्पण कर दिया था। इसके बाद निर्मला ने साल 2001 में माचरला एसोबू उर्फ जगन के अधीन प्रेस टीम सुरक्षा प्लाटून में एक साल तक काम किया। उसी साल डिवीजनल कमेटी सदस्य कुकती वेंकटती उर्फ रमेश से निर्मला ने शादी कर ली।
24 दिसंबर 2002 को नक्सली निर्मला को पुलिस ने भूपालपल्ली एरिया से गिरफ्तार किया था। जेल से रिहा होने के बाद वो फिर से नक्सली संगठन के लिए काम करने लगी। 2007 से निर्मला बल कमांडर के रुप में कर रही है। साल 2011 में मंजुला को नक्सल संगठन में मेडिकल टीम की प्रभारी का भी जिम्मा मिला। इसके बाद साल 2012 में उसे दरभा डिविजन कमेटी का सदस्य बनाया गया। 2017 में निर्मला को बस्तर डिविजनल कमेटी का सदस्य बनाकर बस्तर भेजा गया।