अमेरिका-जापान ने मिलकर बनाया, दुनिया का पहला 'लकड़ी' का सैटेलाइट, कॉफी मग जितना है आकार
नई दिल्ली। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी 'नासा' और जापान की स्पेस एजेंसी 'जाक्सा' ने दुनिया के पहले लकड़ी के सैटेलाइट को स्पेस में लॉन्च कर दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, LignoSat नाम के सैटेलाइट को स्पेस स्टेशन पर भेजा गया है, जो धरती से 400 किलोमीटर ऊपर है। अंतरिक्ष यात्री देखना चाहते हैं कि लकड़ी का इस्तेमाल किस तरह से मंगल और चंद्रमा पर स्पेस मिशनों के लिए किया जा सकता है। उसी मकसद के साथ लिग्नोसैट को रवाना किया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, लिग्नोसैट का आकार एक कॉफी मग के बराबर है। इसे बनाने में मैगनोलिया लकड़ी का इस्तेमाल किया गया है। स्पेस एजेंसियों ने जिस मैगनोलिया लकड़ी से सैटेलाइट को बनाया है, उस लकड़ी को पहले इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में टेस्ट किया गया था। वैज्ञानिकों ने तीन तरह की लकड़ी टेस्ट की। सभी अंतरिक्ष में कामयाब रहीं यानी उनमें कोई टूट-फूट नहीं हुई। हालांकि वैज्ञानिकों ने मैगनोलिया लकड़ी को इस्तेमाल करने का फैसला किया क्योंकि सैटेलाइट बनाते समय इसके टूटने की संभावना बहुत कम है।
जैसा कि हम जानते है कि स्पेस स्टेशन पर तापमान हर 45 मिनट में -100 से 100 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ता घटता है, क्योंकि यह अंधेरे से सूरज की रोशनी में परिक्रमा करता है। रिपोर्ट के अनुसार, इस बारे में जापान के सुमितोमो फॉरेस्ट्री त्सुकुबा रिसर्च इंस्टीट्यूट के एक प्रबंधक केंजी करिया ने बताया था कि लिग्नोसैट अर्धचालकों पर अंतरिक्ष विकिरण के प्रभाव को कम करने की लकड़ी की क्षमता का भी आकलन करेगा।
LignoSat को अंतरिक्ष में पहुंचाकर वैज्ञानिक जानना चाहते हैं कि लकड़ी के सैटेलाइट कितने कारगर हो सकते हैं। दुनियाभर की स्पेस एजेंसियों ने 50 साल में हजारों सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में भेजा है। ये अपना जीवन पूरा कर चुके हैं और कबाड़ या मलबे के रूप में तैर रहे हैं। इससे दूसरे सैटेलाइट्स को खतरा हो रहा है। लकड़ी के सैटेलाइट इन मुश्किलों को सुलझा सकते हैं।