सूर्यास्त के बाद तिरंगा न उतारना अपराध नहीं: केरल हाईकोर्ट

नई दिल्ली। केरल हाईकोर्ट ने एक अहम फैसले में कहा है कि अगर किसी ने अपमान की मंशा से ऐसा नहीं किया हो, तो सूर्यास्त के बाद भी भारतीय ध्वज को नहीं उतारना कोई अपराध नहीं माना जाएगा। अदालत ने यह टिप्पणी उस मामले की सुनवाई के दौरान की, जिसमें एक व्यक्ति पर भारतीय ध्वज को तय समय के बाद न उतारने के चलते “Prevention of Insults to National Honour Act, 1971” के तहत मामला दर्ज किया गया था। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह अधिनियम तभी लागू होता है जब कार्य के पीछे जानबूझकर अपमान की नीयत हो।
अदालत ने यह भी कहा कि “Flag Code of India” एक आचार संहिता है, न कि कानून। इसका उल्लंघन नैतिक चूक या अनुशासनहीनता माना जा सकता है, लेकिन इसे अपराध नहीं कहा जा सकता जब तक यह साबित न हो कि ऐसा कार्य किसी तरह के अपमान के उद्देश्य से किया गया है।
इस फैसले के अनुसार, केवल तकनीकी गलती या भूल के आधार पर किसी व्यक्ति पर राष्ट्रध्वज का अपमान करने का आरोप नहीं लगाया जा सकता। यह निर्णय देशभर में ऐसे मामलों में कानून की सही व्याख्या का मार्ग प्रशस्त करता है और यह भी स्पष्ट करता है कि इरादा (intent) ही किसी भी अपराध को परिभाषित करने का मुख्य आधार होता है।