IIT खड़गपुर की नई पहल: छात्रों की आत्महत्याएं रोकने के लिए ‘कैंपस मदर्स’ और AI आधारित सपोर्ट सिस्टम शुरू

नई दिल्ली। IIT खड़गपुर ने हाल के वर्षों में छात्रों की आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए कई अहम कदम उठाए हैं ताकि छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सके और उन्हें भावनात्मक रूप से सहयोग मिल सके। सबसे पहले, संस्थान ने होस्टल कमरों में आत्महत्या की घटनाओं को रोकने के लिए पारंपरिक छत के पंखों को हटाना शुरू कर दिया है और उनकी जगह कम ऊंचाई या स्प्रिंग-फिक्स्ड पंखों को लगाया जा रहा है ताकि छात्रों को कोई शारीरिक नुकसान न पहुंचा सकें।
इसके साथ ही, ‘कैंपस मदर्स’ नाम की एक अनूठी पहल शुरू की गई है जिसमें महिला फैकल्टी सदस्य, स्टाफ की पत्नियाँ या अनुभवी महिलाएं छात्रों को भावनात्मक समर्थन देने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित की जा रही हैं। ये महिलाएं छात्रों से अनौपचारिक तौर पर जुड़ेंगी, जैसे बातचीत, भोजन या चाय-पानी के दौरान, जिससे छात्र अपनी समस्याओं को खुलकर साझा कर सकें और प्रारंभिक मानसिक संकट की पहचान हो सके।
इसी के साथ, आईआईटी खड़गपुर एक AI आधारित ऐप और SETU (Support, Empathy, Transformation, Upliftment) फ्रेमवर्क शुरू करने जा रहा है, जिससे छात्र गुमनाम तरीके से अपनी भावनाएं दर्ज कर सकेंगे और संकट की स्थिति में तत्काल सहायता प्राप्त कर सकेंगे। इस प्रणाली में वार्डन, फैकल्टी और मेंटर्स की भागीदारी भी सुनिश्चित की गई है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद संस्थान ने मानसिक स्वास्थ्य पर काम करने के लिए एक 10-सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन भी किया है, जिसमें मनोचिकित्सक, काउंसलर, कानून और शिक्षा विशेषज्ञ शामिल हैं। इसके अलावा, संस्थान जल्द ही एक पूर्णकालिक साइकोलॉजिस्ट की नियुक्ति भी करेगा।
हालांकि, कुछ विशेषज्ञों ने ‘कैंपस मदर्स’ नाम को लैंगिक रूढ़ियों से जोड़ते हुए आलोचना की है, लेकिन संस्थान का कहना है कि यह एक स्वैच्छिक और संवेदनशील पहल है, जिसका उद्देश्य छात्रों को अकेलेपन और मानसिक दबाव से उबारना है। इन सभी पहलों का उद्देश्य सिर्फ आत्महत्याएं रोकना ही नहीं, बल्कि एक ऐसा माहौल तैयार करना है जिसमें छात्र सुरक्षित, सुने और समझे जाएं।