जर्मनी की जासूसी में नई छलांग: अब मिशन पर भेजे जाएंगे AI कॉकरोच और रोबोट

AI-powered spy cockroaches and robots

जर्मनी की जासूसी में नई छलांग: अब मिशन पर भेजे जाएंगे AI कॉकरोच और रोबोट

नई दिल्ली। जर्मनी ने युद्ध और निगरानी की आधुनिक रणनीति को नई दिशा देते हुए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से नियंत्रित जासूसी कॉकरोच और उन्नत रोबोट तैयार करने की पहल शुरू की है। बर्लिन स्थित स्टार्टअप Swarm Biotactics ने ऐसे खास कॉकरोच विकसित किए हैं, जिन पर माइक्रो बैकपैक लगाए गए हैं। इन बैकपैक्स में कैमरा, सेंसर, संचार उपकरण और न्यूरल स्टिमुलेशन टेक्नोलॉजी मौजूद है, जिससे इंसान इन कॉकरोचों की गति को नियंत्रित कर सकता है या ये AI के ज़रिये स्वायत्त रूप से मिशन भी अंजाम दे सकते हैं। इनका उपयोग जासूसी, खतरे वाले इलाकों में निगरानी और बचाव अभियानों में किया जा सकता है – खासकर वहां, जहां सामान्य ड्रोन या इंसान नहीं पहुंच सकते।

रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद जर्मनी ने अपने रक्षा बजट को बड़े पैमाने पर बढ़ाने का फैसला किया है और 2029 तक इसे लगभग 162 अरब यूरो तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। इस बढ़े हुए बजट के अंतर्गत सरकार सैन्य स्टार्टअप्स को प्राथमिकता दे रही है। अब इन्हें बिडिंग में आसानी, एडवांस पेमेंट और सीधे सेना से जुड़ने के अवसर मिल रहे हैं। Swarm Biotactics के अलावा अन्य जर्मन कंपनियाँ जैसे ARX Robotics, Quantum Systems और Helsing भी AI आधारित रोबोट, ड्रोन और ऑटोनोमस सिस्टम विकसित कर रही हैं, जिन्हें भविष्य की रक्षा प्रणाली में शामिल किया जाएगा।

हालांकि इस तकनीक ने कई नैतिक और कानूनी सवाल भी खड़े कर दिए हैं। जर्मन कानून में कीड़ों (insects) को पशु-अधिकार कानूनों के अंतर्गत नहीं माना जाता, जिससे उन पर प्रयोग के खिलाफ कोई कानूनी बाध्यता नहीं है। लेकिन मानवाधिकार संगठनों और सुरक्षा विशेषज्ञों ने चिंता जताई है कि इस तरह की जैव-रोबोटिक तकनीक का दुरुपयोग भी हो सकता है और इससे वैश्विक हथियारों की होड़ और तेज हो सकती है। बावजूद इसके, जर्मनी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह रक्षा और निगरानी क्षेत्र में तकनीकी रूप से अग्रणी बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।