अंतरिक्ष से लौटे शुभांशु शुक्ला, अब गुरुत्वाकर्षण में ढलने की तैयारी

नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला, जो हाल ही में Axiom Mission 4 के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से सफलतापूर्वक लौटे हैं, अब पृथ्वी की सामान्य गुरुत्वाकर्षण स्थितियों में खुद को ढालने की प्रक्रिया से गुजर रहे हैं। अंतरिक्ष में 18 दिन बिताने के बाद उनका शरीर माइक्रोग्रैविटी की स्थिति का अभ्यस्त हो चुका था, जहां मांसपेशियों पर बल नहीं पड़ता और संतुलन की प्रणाली भी प्रभावित हो जाती है। पृथ्वी पर लौटने के बाद अब वे दोबारा चलना सीख रहे हैं और डॉक्टरों की देखरेख में रिकवरी थेरेपी ले रहे हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि ‘हमारा शरीर गुरुत्वाकर्षण में बड़ा होता है, लेकिन अंतरिक्ष से लौटने के बाद सीधा चलना भी एक चुनौती बन जाता है।’
डॉक्टरों की टीम की निगरानी में उन्हें हर दिन लगभग दो घंटे की फिजिकल थेरेपी दी जा रही है, जिसमें मांसपेशियों की ताकत, संतुलन और प्रतिक्रिया क्षमता को दोबारा सामान्य स्तर पर लाने के लिए विशेष व्यायाम शामिल हैं। यह प्रक्रिया लगभग 6 हफ्तों तक चलेगी। शुभांशु की यह रिकवरी प्रक्रिया भारतीय मानव अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान’ के लिए भी एक अहम अनुभव बनकर उभर रही है। इस मिशन की सफलता को ISRO और देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। उनकी सुरक्षित वापसी और शरीर में हो रहे बदलावों को समझना भविष्य के अंतरिक्ष यात्रियों के प्रशिक्षण में मदद करेगा।