फर्जी दस्तावेज़ों के आधार पर मिली नौकरी, जांच में हुआ खुलासा

मुंगेली से परमेश्वर कुर्रे की रिपोर्ट
मुंगेली। उद्यानिकी विभाग में एक गंभीर गड़बड़ी का खुलासा हुआ है, जहां ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी के पद पर पदस्थ शशिकांत साहू ने फर्जी या अपूर्ण शैक्षणिक दस्तावेजों के आधार पर नौकरी हासिल की। यह मामला शिकायत और विभागीय जांच के बाद सामने आया है, जिससे सरकारी नियुक्ति प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो गए हैं।
मामले की शुरुआत: शिकायत से हुआ खुलासा
इस पूरे प्रकरण की शुरुआत शिकायतकर्ता सत्येन्द्र उतार चडेल द्वारा की गई लिखित शिकायत से हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि शशिकांत साहू, ग्राम रामराढ़ (जिला मुंगेली) निवासी, ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी पद पर चयन के समय विज्ञापन में निर्धारित न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता को पूरा नहीं करता था।
शिकायत में उल्लेख किया गया कि शशिकांत ने उस समय बीएससी कृषि की डिग्री पूरी नहीं की थी, फिर भी उसने आवेदन कर दिया और बाद में कथित फर्जी या अपूर्ण दस्तावेजों के आधार पर चयनित हो गया।
विज्ञापन और चयन प्रक्रिया की समयरेखा :
विज्ञापन तिथि: 5 अगस्त 2015
ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि: 18 अगस्त 2015
दस्तावेज जमा करने की अंतिम तिथि: 1 सितम्बर 2015
उक्त पद के लिए संचालनालय उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी रायपुर द्वारा विज्ञापन जारी किया गया था। इसमें स्पष्ट उल्लेख था कि सभी पात्रता दस्तावेज आवेदन के समय ही संलग्न होने चाहिए तथा वे वैध और पूर्ण होने चाहिए।
शशिकांत साहू द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज की स्थिति
जांच में पाया गया कि शशिकांत साहू ने अपने आवेदन के साथ बीएससी कृषि (चतुर्थ वर्ष) की डिग्री नहीं लगाई थी, बल्कि केवल सेमेस्टर-2 की मार्कशीट संलग्न की थी। यह मार्कशीट वर्ष 2015-16 की थी, जबकि उसी डिग्री की अंतिम परीक्षा उसने 4 अगस्त 2016 को उत्तीर्ण की। इसका अर्थ यह हुआ कि आवेदन के समय वह डिग्री पूरी नहीं कर पाया था और फिर भी नियुक्ति प्राप्त कर ली।
जांच और निष्कर्ष
विभागीय जांच में आरोप सत्य पाए गए। जांच टीम ने स्पष्ट किया कि शशिकांत साहू ने शैक्षणिक योग्यता को लेकर झूठे दस्तावेज प्रस्तुत किए और नियुक्ति प्रक्रिया में धोखाधड़ी की। यह कृत्य सरकारी सेवा नियमों का गंभीर उल्लंघन है।
प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए संचालक, उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी रायपुर को लिखित रिपोर्ट भेजी गई है, जिसमें शशिकांत साहू को सेवा से बर्खास्त करने की सिफारिश की गई है।
कानूनी व प्रशासनिक पक्ष
विज्ञापन में स्पष्ट शर्त थी कि सभी दस्तावेज आवेदन के समय तक पूर्ण और वैध होने चाहिए। इसके उल्लंघन की स्थिति में आवेदन स्वतः निरस्त माना जाता है। शशिकांत साहू के मामले में, यह स्पष्ट फर्जीवाड़ा और धोखाधड़ी का मामला बनता है, जिसमें:
फर्जी दस्तावेजों का प्रयोग, नियुक्ति प्रक्रिया में अनियमितता, सार्वजनिक धन का दुरुपयोग (सरकारी वेतन), अब यह मामला आगे निलंबन, बर्खास्तगी और संभावित प्राथमिकी (FIR) की ओर बढ़ सकता है।
वर्तमान स्थिति
वर्तमान में शशिकांत साहू, मुंगेली परिक्षेत्र में ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी के रूप में कार्यरत है, परंतु शिकायत सही पाए जाने के बाद उस पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की तलवार लटक रही है।