मक्का फसल को खाद और पानी की दोहरी मार किसानों को भारी नुकसान

मक्का फसल को खाद और पानी की दोहरी मार किसानों को भारी नुकसान

गरियाबंद से विजय साहू की रिपोर्ट

गरियाबंद। जिले के मैनपुर ब्लॉक अंतर्गत राजापड़ाव क्षेत्र में इस वर्ष मक्का की फसल ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। परंपरागत रूप से मक्का उत्पादन के लिए जाना जाने वाला यह इलाका इस बार सरकारी खाद आपूर्ति में हुई देरी और अनियमित वर्षा के चलते बुरी तरह प्रभावित हुआ है। स्थानीय खेतों में मक्के की फसल की तस्वीरें यह साफ बयां कर रही हैं कि किसान कितनी कठिन परिस्थिति में हैं।
किसान दशरथ नेताम, दुर्जन नेताम, सुनील मरकाम, दिनाचंद मरकाम, पूनालाल मरकाम, सुन्दर मरकाम और फरसूराम सहित क्षेत्र के सैकड़ों किसानों ने अपनी पीड़ा साझा करते हुए बताया कि समय पर डीएपी और यूरिया खाद  न मिलने के कारण मक्का की फसल में भरपूर वृद्धि नहीं हो सकी। वहीं बारिश भी समय से न होने के कारण सिंचाई संभव नहीं हो पाई। किसान दशरथ नेताम कहते हैं हमने अपनी बचत लगाकर मक्का लगाया था, लेकिन न खाद मिला न पानी। अब फसल आधी भी नहीं निकल सकती। इतना नुकसान हम किसानों को हुआ है।
किसानों का आरोप है कि खाद वितरण प्रणाली में लापरवाही के कारण जरूरत के समय उर्वरक उपलब्ध नहीं हो सका। जब तक खाद मिला, तब तक फसल अपनी ग्रोथ स्टेज पार कर चुकी थी।
जिला पंचायत सदस्य संजय नेताम ने कहा किसान इस क्षेत्र की रीढ़ हैं, और उनके साथ हो रही यह अनदेखी बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।राज्य सरकार और जिला प्रशासन की लापरवाही ने किसानों को दोहरी मार झेलने पर मजबूर कर दिया है। न समय पर खाद मिला, न सिंचाई की समुचित व्यवस्था। प्रशासन से मांग करता हूँ कि सभी प्रभावित किसानों को तुरंत मुआवज़ा दिया जाए और भविष्य में ऐसी स्थिति न हो इसकी ठोस योजना बनाई जाए। किसान संगठनों और जनप्रतिनिधियों ने प्रशासन को चेताया है कि यदि जल्द कोई राहत कदम नहीं उठाया गया तो आंदोलनात्मक रुख भी अपनाया जा सकता है।