हेलमेट नहीं तो एंट्री नहीं: ट्रैफिक जवानों की सख्त समझाइश

हेलमेट नहीं तो एंट्री नहीं: ट्रैफिक जवानों की सख्त समझाइश

आज चेतावनी, कल चालान

गरियाबंद कलेक्ट्रेट में नियम तोड़ने पर सीधे 1हजार का जुर्माना तय

गरियाबंद से विजय साहू की रिपोर्ट 
गरियाबंद। गरियाबंद में आज तेज बारिश के बीच कलेक्पट्रेट रिसर के मुख्य गेट पर एक अलग ही नज़ारा देखने को मिला। ट्रैफिक पुलिस के जवान भीगते हुए वहां डटे रहे और आने-जाने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों को एक-एक कर रोककर हेलमेट और सीट बेल्ट की अनिवार्यता को लेकर समझाइश देते नज़र आए।
पुलिसकर्मियों ने बताया कि राज्य सरकार के निर्देश पर यह अभियान शुरू किया गया है, जिसमें सभी सरकारी व अर्ध-सरकारी कार्यालयों में प्रवेश के लिए अब दोपहिया वाहन चालकों को हेलमेट और चारपहिया चालकों को सीट बेल्ट लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। आज समझाइश का दिन था, लेकिन कल से बिना हेलमेट आने पर सीधे ₹1000 का चालान किया जाएगा।

पुलिस के अनुसार, अब बाइक पर पीछे बैठने वाले व्यक्ति को भी हेलमेट पहनना अनिवार्य होगा। वहीं, कार से आने वाले सभी कर्मचारियों और अधिकारियों को सीट बेल्ट लगाकर आना होगा  केवल चालक ही नहीं, सभी सहयात्रियों के लिए भी यह नियम लागू रहेगा।

कार्यालय परिसर में नो हेलमेट नो एंट्री का फरमान
प्रदेश में बढ़ते सड़क हादसों और सरकारी कर्मचारियों की दुर्घटनाओं में मृत्यु को देखते हुए सरकार ने यह सख्त निर्णय लिया है। आदेश के मुताबिक, अब कोई भी सरकारी सेवक बिना सुरक्षा उपकरणों के कार्यालय में प्रवेश नहीं कर सकेगा। दोपहिया वाहन चालक हेलमेट लगाए बिना और चारपहिया वाहन चालक व यात्री सीट बेल्ट लगाए बिना कार्यालय गेट से भीतर नहीं जा पाएंगे। सुरक्षा गार्ड द्वारा गेट पर ही जांच की जाएगी और नियमों के उल्लंघन पर उन्हें वापस कर दिया जाएगा।

कर्मचारियों को देना होगा आदर्श उदाहरण
सरकारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि शासन के अधिकारी-कर्मचारी स्वयं, अपने परिजनों और आम जनता की सुरक्षा के लिए ट्रैफिक नियमों के पालन में आदर्श प्रस्तुत करें। मोटरयान संशोधन अधिनियम 2019 के तहत यह पालन अनिवार्य है। प्रदेश के लगभग 4.25 लाख सरकारी कर्मचारियों को अब यह नियम मानना ही होगा। यह केवल चालान से बचने का मामला नहीं, बल्कि स्वयं की सुरक्षा और दूसरों के लिए मिसाल बनने का विषय है।