107 वर्ष बाद छत्तीसगढ़ के बस्तर राजपरिवार में मंगल कार्यक्रम

महाराजा कमलचंद्र भंजदेव का कल विवाह
जगदलपुर (चैनल इंडिया)। जगदलपुर महल से करीब 107 वर्ष बाद बस्तर राज परिवार में मंगल कार्यक्रम होने जा रहा है। राजपरिवार के महाराजा कमलचंद्र भंजदेव का विवाह कल 20 फरवरी को मध्यप्रदेश के नागौद राजघराने में होने जा रहा है। इस विवाह समारोह में राजपरिवार की कुलदेवी दंतेश्वरी माई की छत्र और उनकी रजत छड़ी भी शामिल की जायेगी।
राजगुरु नवीन ठाकुर ने बताया कि राजघराने में पहला विवाह महाराजा रुद्रप्रताप देव का 1908 में रानी कुसुमलता के साथ हुआ था। इसके 107 वर्षों बाद बस्तर स्टेट राजपरिवार में कमलचंद्र भंजदेव का विवाह होने जा रहा है। उन्होंने बताया कि बस्तर महाराजा कमलचंद्र भंजदेव का विवाह मध्यप्रदेश के किला नागौद महाराजा शिवेंद्र प्रताप सिंह की पुत्री महाराजकुमारी भुवनेश्वरी कुमारी के साथ 20 फरवरी को होने जा रहा है। इस विवाह समारोह में शामिल होने के लिए देशभर के राजघराने बाराती बनकर यहां से जाएंगे। राजमहल में इन दिनों राजपरिवार के विवाह की आभा देखते बन रही है। राजमहल को विवाह कार्यक्रम के लिए विशेष तौर पर सजाया गया है। राजमहल में वर पक्ष की ओर से विवाह की सभी रस्म को इन दिनो संपन्न किया जा रहा है।
दंतेवाड़ा में स्थित दंतेश्वरी मंदिर के मुख्य पुजारी परमेश्वर नाथ जीया ने बताया कि दंतेश्वरी माता का छत्र और छड़ी पहली बार राजपरिवार के विवाह में शामिल होगी। राज परिवार के सदस्य कमलचंद्र भंजदेव के बारात में दंतेश्वरी माता का छत्र और छड़ी शामिल किया जाएगा। माईजी की छड़ी और उनका छत्र केवल बस्तर दशहरा और फागुन मड़ई के अवसर पर मंदिर से बाहर निकाला जाता है।
बस्तर राजपरिवार के इतिहास के जानकार रुद्रनारायण पाणिग्रही ने बताया कि 11 जनवरी 1948 को सभी रियासतों का विलय देश में हुआ। इसके बाद बस्तर राजपरिवार में यह पहला विवाह है, जिसमें वर पक्ष की तरफ से सारी परंपराएं जगदलपुर में पूरी
की जा रही हैं। इससे पहले बस्तर राजपरिवार का जगदलपुर में आखिरी विवाह राजा रुद्रप्रताप देव का हुआ था। वहीं राजा प्रवीरचंद्र भंजदेव का विवाह दिल्ली और विजयचंद्र का विवाह गुजरात में संपन्न हुआ था। ऐसे में बस्तर राजपरिवार के जगदलपुर स्थित राजमहल में एक शताब्दी के बाद शहनाई की गूंज सुनाई दे रही है।