"बैगलेस डे" पर प्रकृति से जुड़ाव का पाठ : शिक्षिका उपासना शर्मा का नवाचार

"बैगलेस डे" पर प्रकृति से जुड़ाव का पाठ : शिक्षिका उपासना शर्मा का नवाचार

जांजगीर-चांपा से राजेश राठौर की रिपोर्ट 
देवकिरारी (मिडिल स्कूल)। जहाँ एक ओर "बैगलेस डे" का उद्देश्य विद्यार्थियों को बैग के बोझ से मुक्त कर रचनात्मक गतिविधियों की ओर उन्मुख करना है, वहीं मिडिल स्कूल देवकिरारी की शिक्षिका उपासना शर्मा ने इस अवसर को एक नई दिशा देकर प्रकृति प्रेम और पर्यावरण संरक्षण का भाव जाग्रत किया।

इस विशेष दिन पर उपासना शर्मा ने विद्यार्थियों को सिर्फ पाठ्यक्रम से ही नहीं, बल्कि जीवन के पाठ से जोड़ा — प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता और पौधों की देखभाल। विद्यालय परिसर को एक हरित कक्षा में बदलते हुए उन्होंने "नेचर क्लब" की स्थापना की, जिसमें चुने गए विद्यार्थियों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया।

इस क्लब का उद्देश्य है :
पौधों की देखभाल करना
संरक्षण की तकनीकों को समझना
प्रकृति के साथ सहजीवन का महत्व सीखना

उपासना शर्मा द्वारा अपनाई गई प्रशिक्षण विधियाँ बच्चों को अत्यंत रोचक लगीं। उन्होंने व्यावहारिक गतिविधियों जैसे – पौधों को छूकर पहचानना, उनकी उम्र का अंदाज़ लगाना, प्राकृतिक खाद बनाना और "हर पौधा एक दोस्त" विषय पर चित्रांकन कराया। बच्चों को बताया गया कि जैसे हमें देखभाल चाहिए, वैसे ही पेड़-पौधों को भी स्नेह और सुरक्षा चाहिए।

इस पहल का सबसे खास पहलू यह रहा कि बच्चे खुद अपने पौधे के ‘पालक’ बने — हर बच्चे को एक पौधा सौंपा गया जिसकी जिम्मेदारी उसकी देखभाल की रही। स्कूल में एक "ग्रीन कॉर्नर" भी विकसित किया गया जहाँ सभी बच्चों के पौधे लगाए गए।

उपासना शर्मा का यह नवाचार न केवल पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ा रहा है, बल्कि बच्चों को संवेदनशील, जिम्मेदार और प्रकृति से जुड़े नागरिक बना रहा है।

विद्यालय प्रबंधन, अभिभावकों और ग्रामवासियों ने इस अभिनव पहल की सराहना की और इसे आगे भी जारी रखने की मांग की।