"शैक्षिक नवाचार में देव किरारी की शिक्षिका उपासना शर्मा का नाम शामिल"

"शैक्षिक नवाचार में देव किरारी की शिक्षिका उपासना शर्मा का नाम शामिल"

"शिक्षा सारांश' पत्रिका में मिला विशेष स्थान"
जांजगीर-चांपा से राजेश राठौर की रिपोर्ट 
देव किरारी (जांजगीर-चांपा)। शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर नवाचार और रचनात्मक प्रयोग करने वाली शासकीय विद्यालय देव किरारी की शिक्षिका श्रीमती उपासना शर्मा ने जिले और विद्यालय का नाम गर्व से ऊँचा किया है। उनके अभिनव कार्यों को जिले से प्रकाशित शैक्षिक पत्रिका 'शिक्षा सारांश' में प्रमुखता से स्थान दिया गया है।

उपासना शर्मा द्वारा किया गया एक अनूठा नवाचार रक्षाबंधन के अवसर पर सामने आया, जब उन्होंने होममेड राखियाँ बनाकर देश के सैनिकों को भेजीं। इन राखियों को विशेष बनाते हुए उन्होंने उनमें गांव की पावन मिट्टी और अक्षत (चावल) भी सम्मिलित किया। यह केवल एक राखी नहीं, बल्कि संस्कृति, समर्पण और देशभक्ति का प्रतीक बन गई।

ये सभी राखियाँ सजावटी पैकेट्स में बड़े सलीके से पैक की गईं, और उन्हें सैनिकों तक भेजा गया, जिससे यह प्रयास शैक्षिक नवाचार की श्रेणी में विशेष स्थान पर पहुँचा।

देव किरारी से शिक्षा की नई परिभाषा – उपासना शर्मा की पहल बनी प्रेरणा
उपासना शर्मा केवल एक शिक्षक नहीं, बल्कि नवाचार और मूल्यों से भरपूर शिक्षा की वाहक बन चुकी हैं। वे विद्यार्थियों में रचनात्मकता, देशप्रेम और सामाजिक मूल्यों को समाहित करने के लिए निरंतर नए प्रयोग कर रही हैं। उनके कार्य न केवल विद्यालय स्तर पर सराहे जा रहे हैं, बल्कि अन्य शिक्षक समुदाय के लिए भी प्रेरणास्त्रोत बन चुके हैं।

"शिक्षा केवल किताबों की बातें नहीं, यह जीवन को संस्कार देने का माध्यम है – उपासना शर्मा का कार्य इस सोच का उदाहरण है।"