जिला प्रशासन और ’’बैंक ऑफ बड़ौदा’’ के तत्वाधान में नव उद्यमियों को वितरित किया गया 45 लाख का ऋण

जिला प्रशासन और ’’बैंक ऑफ बड़ौदा’’ के तत्वाधान में नव उद्यमियों को वितरित किया गया 45 लाख का ऋण

दंतेवाड़ा से राजू शर्मा की रिपोर्ट 
दंतेवाड़ा। विगत दिवस जिला प्रशासन, दंतेवाड़ा के तहत संचालित यूथ हब और बैंक ऑफ बड़ौदा के संयुक्त प्रयास से नए स्टार्टअप और नव उद्यमियों को 45 लाख का ऋण वितरित किया गया। उल्लेखनीय है कि ऋण वितरण की यह पहल युवा उद्यमियों को प्रशिक्षण, ’’इनक्यूबेशन’’ और वित्तीय सहायता प्रदान करके दंतेवाड़ा जिले में आत्मनिर्भरता और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई है। जिला कार्यालय में आयोजित इस ऋण वितरण कार्यक्रम में कलेक्टर, मयंक चतुर्वेदी, ने युवा उद्यमियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि जिला प्रशासन का उद्देश्य दंतेवाड़ा के युवाओं को स्वरोजगार और उद्यमिता के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाना है ताकि उन्हें आजीविका के लिए अन्य शहरों की ओर पलायन न करना पड़े। उन्होंने कहा कि प्रशासन हर स्तर पर युवाओं और नए उद्यमियों को सहयोग कर रहा है ताकि वे अपने ही जिले में रोजगार के नए अवसर पैदा कर सकें।
       जिला पंचायत, सीईओ, जयंत नाहटा ने इस मौके पर कहा कि प्रशासन युवाओं को सिर्फ वित्तीय सहायता ही नहीं, बल्कि व्यावसायिक प्रशिक्षण, बाजार से जोड़ने और तकनीकी सहायता भी प्रदान कर रहा है ताकि वे अपने व्यवसाय को सफलतापूर्वक संचालित कर सकें। शाखा प्रमुख, बैंक ऑफ बड़ौदा पूरन लाल साहू ने इस मौके पर बताया कि बैंक ऑफ बड़ौदा छोटे व्यवसायों और स्टार्टअप्स को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है और लक्ष्य अनुरूप हमेशा स्थानीय उद्यमियों को प्रोत्साहित करेगा ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें। इस दौरान नीति आयोग जिला प्रभारी अखिल और युथ हब प्रभारी हेमलता ने कहा कि दंतेवाड़ा की युवा शक्ति को सही मार्गदर्शन और संसाधन मिलने से यह जिला आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से अग्रसर हो रहा है। “युवा सही मार्गदर्शन और प्रशिक्षण से अपने व्यवसाय को सशक्त रूप से आगे बढ़ा सकते हैं। हमारा प्रयास है कि उन्हें उचित दिशा मिले और वे बिना किसी बाधा के अपने स्टार्टअप को सफल बना सकें। इस पूरी प्रक्रिया में बैंक और युवाओं के बीच समन्वय बनाना हमारी प्राथमिकता रही है। इस रणनीतिक पहल के माध्यम से दंतेवाड़ा आर्थिक रूप से सशक्त हो रहा है और अब यहां के लोगों को आजीविका के लिए अन्य शहरों में जाने की आवश्यकता नहीं होगी।