विनोबा शिक्षण उत्सव: शिक्षा का अनूठा पर्व

विनोबा शिक्षण उत्सव: शिक्षा का अनूठा पर्व

जांजगीर-चांपा से राजेश राठौर की रिपोर्ट
जांजगीर-चांपा। जांजगीर में  आयोजित 'विनोबा शिक्षण उत्सव' एक प्रेरक मंच बना, जहां शिक्षक, जिला प्रशासन और शिक्षा अधिकारी एक साथ आए। शिक्षा विभाग और ओपन लिंक्स फाउंडेशन (OLF) के सहयोग से 27 फ़रवरी को आयोजित इस कार्यक्रम में 'विनोबा ऐप' की अहम भूमिका रही, जिसने शिक्षकों को जोड़ने और प्रेरित करने का कार्य किया। इस डिजिटल मंच ने शिक्षकों को यह विश्वास दिलाया कि वे शिक्षा परिवर्तन के महत्वपूर्ण भागीदार हैं। शिक्षकों ने शिक्षा अधिकारियों से खुले मन से चर्चा की और नवाचार और चुनौतियों को साझा किया।
इस दौरान शिक्षकों ने अपनी कक्षाओं की प्रेरक कहानियां साझा कीं। एक शिक्षक ने शैक्षिक अनुभवों एवं विनोबा में योगदान का अनुभव साझा किया।छात्रों मे शिक्षा के प्रति रुचि और अधिगम परिणामों को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले शिक्षकों को सम्मानित किया गया, जिससे अन्य शिक्षक भी प्रेरित हुए।बच्चों के प्रदर्शन में सुधार की बात की गई, विशेषकर आधारभूत साक्षरता एवं संख्यात्मक दक्षता एफएलएन प्रोग्राम और प्रतियोगी परीक्षाओं (जैसे- उत्कृष्ट 10th, 12th, एनएमएम एस , जेएनयू , अन्य) में उनके परिणामों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई।शिक्षा अधिकारियों और शिक्षकों ने बच्चों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की रणनीति पर विचार विमर्श की।
कार्यक्रम में कलेक्टर श्री आकाश चिकारा जी, जिला मिशन समन्वयक श्री राजकुमार तिवारी और ओएल एफ  के संस्थापक श्री संजय डालमिया समेत जांजगीर, रायपुर, दुर्ग, गरियाबंद और धमतरी के शिक्षा अधिकारी और शिक्षक उपस्थित रहे।
विनोबा शिक्षण उत्सव ने यह साबित किया कि जब शिक्षक, प्रशासन और तकनीक साथ आते हैं, तो शिक्षा में बदलाव संभव है। 'विनोबा ऐप' ने इस बदलाव का एक सशक्त माध्यम बनकर शिक्षकों को जोड़ा, सिखाया और प्रेरित किया। यह उत्सव सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक प्रेरणादायक अनुभव था, जिसने शिक्षकों को यह एहसास दिलाया कि वे शिक्षा परिवर्तन के अग्रदूत हैं।