मन को शांत रखकर और आत्मविश्वास पूर्वक परीक्षा की करें तैयारी - अनुराग

जांजगीर-चांपा से राजेश राठौर की रिपोर्ट
जांजगीर-चांपा। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल के द्वारा 1 मार्च सें कक्षा 12वीं और दसवीं की परीक्षाएं प्रायोजित हैं। परीक्षा नाम सुनकर सहज रूप से बच्चों के मन में एक भय व्याप्त हो जाता है, इस भय का स्वाभाविक कारण यह है कि बच्चों के माता-पिता उनके भविष्य को ध्यान में रखते हुए परीक्षा की तैयारी करने का उनके ऊपर दबाव बनाते रहते हैं। इस प्रकार के दबाव का सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव भी पड़ता है, कभी-कभी बच्चा बहुत अधिक दबाव से मानसिक रूप से परेशान होकर के अपेक्षा अनुरूप सफलता प्राप्त करने पर मानसिक रूप से हीन भावना का शिकार हो जाता है। इन सभी परिस्थितियों के बारे में बात करते हुए माध्यमिक शिक्षा मंडल के विषय समिति के संयोजक अनुराग तिवारी का मानना है कि हमें बच्चों पर अनावश्यक रूप से दबाव बनाने से बचने का प्रयास करना चाहिए। बच्चों का भविष्य उनके हाथों में है और यदि बच्चा अच्छे ढंग से सकारात्मक सोच के साथ अपने विषय की तैयारी कर रहा है तो उसकी सफलता निश्चित है। विशेष समिति के सदस्य अनुराग तिवारी ने विषय की तैयारी के बारे में अपने विचार रखते हुए कहा कि हमको प्रश्नों की प्रकृति को ध्यान में रखते हुए उसको रटने के बजाय समझने का प्रयास अधिक करना चाहिए। किसी विषय का उत्तर यदि याद नहीं हो रहा है तो हमें उस विषय को शांत भाव से समझते हुए उसके उत्तर किस प्रकार लिखे जा सकते हैं इस पर ध्यान देना चाहिए। अनुराग ने आगे बताया कि बोर्ड द्वारा प्रत्येक विषय के ब्लूप्रिंट निर्धारित कर दिए गए हैं, उसे ब्लूप्रिंट को ध्यान में रखते हुए अति लघु उत्तरीय लघु उत्तरीय और दीर्घ उत्तरीय प्रश्न निश्चित है। इन सबके अलावा प्रत्येक काल खंड से कितने-कितने अंक के प्रश्न पूछे जाएंगे यह भी निर्धारित कर दिया गया है। विषय शिक्षक का भी कर्तव्य बनता है कि इस प्रकार की तैयारी में बच्चों का मार्गदर्शन करते रहें। पालक को अपने बच्चों की तैयारी पर विश्वास करते हुए एक मार्गदर्शक के रूप में उनके साथ खड़े होना चाहिए। आवश्यकता से अधिक दबाव बच्चों को मानसिक रूप से तोड़ देता है जो उसके भविष्य के लिए घातक हो सकता है। गौरतलब है कि माध्यमिक शिक्षा मंडल के विषय समिति के सदस्य अनुराग तिवारी जी ने अपने विद्यालय में परीक्षा सार और परीक्षा सिद्धि नाम की योजनाएं चलाई हुई है जिनको राज्य स्तर पर ख्याति प्राप्त हो चुकी है। तैयारी में बच्चों को रटने की बजाय समझने पर ध्यान दिया जाता है, और महत्वपूर्ण आने वाले प्रश्नों को मनोवैज्ञानिक ढंग से तैयारी भी कराई जाती है। अनुराग तिवारी ने बच्चों के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए बोर्ड के सभी विद्यार्थियों की सफलता की कामना की है।