लालू यादव की मुश्किलों में हो सकता है इजाफा, जमीन के बदले नौकरी मामले में आज आ सकता है फैसला

Lalu Prasad Yadav

लालू यादव की मुश्किलों में हो सकता है इजाफा, जमीन के बदले नौकरी मामले में आज आ सकता है फैसला

नई दिल्ली। जमीन के बदले नौकरी मामले में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और बिहार विधानसभा मे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की मुश्किलें बढ़ सकती है। दरअसल आज जमीन के बदले नौकरी मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट अहम फैसला सुना सकती है। कोर्ट ने सीबीआई की ओर से पेश वकील की दलील सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था। ऐसे में आज इस मामले में बड़ा फैसला आ सकता है। बता दें, जमीन के बदले नौकरी मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने लालू यादव, सरकारी कर्मचारियों सहित 78 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र पर संज्ञान लेने का आदेश सुरक्षित रखा था। ऐसे में आज इस मामले में अहम फैसला आ सकता है।

बता दें, सीबीआई ने कहा था कि सभी सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति मिल गई है। ऐसे में अब मामले में कोर्ट को संज्ञान लेना है। पिछली सुनवाई में अदालत द्वारा मांगे गए स्पष्टीकरण पर जवाब देने के लिए सीबीआई ने अधिक समय की मांग की थी,  जिसके बाद आदेश के लिए 21 फरवरी का दिन तय किया गया था। लैंड फॉर जॉब मामले में बिहार के पूर्व मुख्‍यमंत्री लालू यादव के साथ कई अफसरों को भी आरोपी बनाया गया है। इनमें से कई पर मुकदमा चलाने की मंजूरी मिल गई है। लेकिन कुछ अफसर ऐसे भी थे, जिनके ख‍िलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मिलने में देरी हुई।

इनमें से एक नाम पूर्व आईएएस रजनीश कुमार महाजन यानी RK महाजन का भी है। काफी जद्दोजहद के बाद 30 जनवरी को इनके ख‍िलाफ केस चलाने की मंजूरी मिली है। बिहार कैडर के IAS अफसर RK महाजन लालू यादव और नीतीश कुमार दोनों के करीबी रहे हैं और कई अहम पदों पर रहे हैं। सीबीआई ने रेलवे के लैंड फॉर जॉब घोटाले में आरके महाजन के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी थी। मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के रहने वाले आरके महाजन उस समय लालू यादव के निजी सचिव थे जब ये घोटाला हुआ। तब वे रेल भवन में जन शिकायत कोषांग के कार्यकारी निदेशक की ज‍िम्‍मेदारी भी संभाल रहे थे। सीबीआई का कहना है क‍ि घोटाले में आरके महाजन की अहम भूमिका थी। वे लालू यादव के अवैध कार्यों में शामिल थे।

लैंड फॉर जॉब स्कैम के तहत सीबीआई का आरोप है कि लालू प्रसाद यादव ने 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री रहते हुए बड़ा घोटाला किया। इसके तहत रेलवे में नौकरी देने के नाम पर लालू परिवार के सदस्यों के नाम पर जमीन और प्रॉपर्टी ट्रांसफर कराई गई। जमीनों के बदले मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में जोन में बड़े पैमाने पर नौकरियां दी गईं। आरोप के अनुसार, लालू परिवार ने बिहार में 1 लाख स्क्वायर फीट से ज्यादा जमीन महज 26 लाख रुपए में हासिल कर ली थी, जबकि उस समय के सरकारी दर के अनुसार, जमीन की कीमत करीब 4.39 करोड़ रुपए थी। इतने कम पैसों में जमीन लेने के बाद ज्यादातर केस में जमीन मालिक को कैश में भुगतान किया गया।