विधायक पुरंदर मिश्रा और महापौर मीनल चौबे ने रखी स्मार्ट सुविधा की मजबूत नींव

विधायक पुरंदर मिश्रा और महापौर मीनल चौबे ने रखी स्मार्ट सुविधा की मजबूत नींव

रायपुर। रायपुर उत्तर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत शहीद हेमुकल्याणी वार्ड क्रमांक 28 में स्थित महालक्ष्मी मार्केट पंडरी में आज नगरीय विकास की एक महत्वपूर्ण दिशा में ऐतिहासिक कदम बढ़ाया गया। विधायक पुरंदर मिश्रा एवं महापौर मीनल चौबे ने जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की गरिमामयी उपस्थिति में दो अभिनव परियोजनाओं – मैकेनाइज्ड पार्किंग एवं नॉन मोटराइज्ड ट्रांसपोर्ट सिस्टम (NMT) – का विधिवत भूमिपूजन कर नागरिकों को स्मार्ट शहर की सौगात दी।

पंडरी के सबसे व्यस्त वाणिज्यिक क्षेत्रों में शुमार महालक्ष्मी मार्केट में इन परियोजनाओं के माध्यम से जहां यातायात की दशा-दिशा सुधरेगी, वहीं अवैध व अनियमित पार्किंग की समस्या पर भी प्रभावी नियंत्रण संभव होगा।

विधायक पुरंदर मिश्रा ने जानकारी दी कि 70 लाख रुपए की लागत से प्रस्तावित मैकेनाइज्ड पार्किंग में 24 चारपहिया वाहनों की क्षमता वाला स्वचालित पार्किंग स्ट्रक्चर विकसित किया जाएगा, जिससे बाजार क्षेत्र में ट्रैफिक जाम की समस्या से निजात मिलेगी।

इसी श्रृंखला में, नॉन मोटराइज्ड ट्रांसपोर्ट परियोजना के तहत 61 लाख की रुपए लागत से ऑफ-स्ट्रीट पार्किंग, पैदल पथ, रोड मार्किंग, एवं स्मार्ट ट्रैफिक साइनेज जैसी सुविधाएं तैयार की जाएंगी। यह परियोजना न केवल क्षेत्र के सौंदर्य में वृद्धि करेगी, बल्कि यात्रियों के लिए बाजार क्षेत्र को अधिक सुरक्षित, सुविधाजनक और सुगम बनाएगी।

इन पहलों से व्यापारियों, ग्राहकों, महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों और बच्चों को जहां राहत मिलेगी, वहीं रायपुर शहर की ट्रैफिक व्यवस्था भी नए स्वरूप में सुसज्जित होगी। यह प्रयास राजधानी को एक स्मार्ट, सुव्यवस्थित और सस्टेनेबल शहर की दिशा में आगे ले जाएगा।

कार्यक्रम के दौरान विधायक मिश्रा एवं महापौर चौबे ने नगर निगम अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि कार्य में किसी प्रकार की ढिलाई न हो। समयबद्धता व गुणवत्ता को प्राथमिकता देते हुए पारदर्शी ढंग से निर्माण कार्य संपन्न किया जाए।

वार्ड पार्षद कृतिका जैन ने अपने वार्डवासियों की ओर से विधायक, महापौर और निगम टीम को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा, “यह परियोजना वर्षों पुरानी यातायात समस्या का स्थायी समाधान बनेगी और बाजार क्षेत्र को नई ऊर्जा प्रदान करेगी।”

यह ऐतिहासिक पहल रायपुर शहर को भविष्य की ज़रूरतों के अनुरूप ढालने की दिशा में एक सशक्त कदम है।