खोखरा की मुर्गा दुकानों में लौटी रौनक, पंचायत चुनावी जोश में तंदूर पर चढ़ रहे कबाब!

जांजगीर-चांपा से राजेश राठौर की रिपोर्ट
खोखरा। गांव में पंचायत चुनाव का बुखार चढ़ते ही खोखरा की मुर्गा दुकानों पर भी रौनक लौट आई है। नेताजी की चौपालों से लेकर समर्थकों की बैठकों तक, हर जगह चुनावी चर्चाओं के साथ तंदूरी चिकन और मसालेदार कबाब की खुशबू घुल रही है।
जैसे-जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे प्रत्याशियों के समर्थकों की भीड़ मुर्गा दुकानों पर उमड़ रही है। दिनभर के प्रचार के बाद जब शाम होती है, तो गांव के नुक्कड़ों पर चुनावी रणनीतियों के बीच तंदूरी मुर्गे की प्लेटें सजने लगती हैं। दुकानदार भी खुश हैं – एक ने मुस्कुराते हुए कहा, "पिछली बार के चुनाव में भी बिक्री तीन गुना बढ़ गई थी, इस बार तो और भी जोरदार धंधा हो रहा है!"
इधर, कुछ प्रत्याशियों के समर्थक खाने के साथ-साथ चुनावी वादों पर भी गर्मा-गर्म बहस छेड़ देते हैं। कोई कहता है, "हमारे प्रत्याशी आएंगे तो सड़कें चमका देंगे," तो दूसरा जवाब देता है, "अरे पहले ये तंदूरी मुर्गा खत्म कर लो, फिर बहस करेंगे!"
गांव में चुनावी बुखार बढ़ रहा है, और साथ ही बढ़ रही है खोखरा की मुर्गा दुकानों की कमाई। अब देखना यह है कि सरपंच की कुर्सी तक कौन पहुंचेगा, लेकिन फिलहाल तो कबाब और मुर्गे की प्लेटें ही सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोर रही हैं!