कैट ने शिकायत निवारण समिति की बैठक में जीएसटी की विसंगतियों को दूर करने हेतु दिये सुझाव - अमर पारवानी
Confederation of All India Traders

रायपुर। देश के सबसे बड़े व्यापारिक संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, एवं कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल ने बताया कि कॉन्फ्रेंस हॉल, नया सर्किट हाउस, सेक्टर-24, नवा रायपुर अटल नगर में आयोजित राज्य स्तरीय शिकायत निवारण समिति की बैठक में कैट ने जीएसटी की विसंगतियों को दूर करने हेतु सुझाव दिये।
कैट के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमर पारवानी एवं प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी ने बताया कि राज्य स्तरीय शिकायत निवारण समिति (जीआरसी) की बैठक संपन्न हुई। जिसमे विभिन्न व्यापारिक-औद्योगिक संगठनो एवं पदाधिकारियों से प्राप्त सुझावों को लेकर कैट का एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य आयुक्त (कस्टम, केंद्रीय उत्पाद शुल्क, केंद्रीय जीएसटी) चन्द्र प्रकाश गोयल जी, एवं राज्य जीएसटी आयुक्त, पुष्पेन्द्र कुमार मीणा जी से मिलकर कैट ने जीएसटी के विसंगतियों को दूर हेतु सुझाव दिये जो निम्नानुसार हैः-
ऽ विक्रेता पर ही कार्यवाही की जानी चाहिए।
ऽ इनपुट टैक्स क्रेडिट जीएसटीआर 2बी के आधार मान्य होने।
ऽ छुटे हुए इनपुट टैक्स क्रेडिट लेन एवं वार्षिक विवरण पत्र में संशोधन किए जाने हेतु अवसर प्रदान करने बाबत्।
ऽ म्. प्दअवपबपदह की स्थिति में खरीददार को इनपुट अनिवार्य रूप से मिलना चाहिए ।
ऽ ई-इनवॉइसिंग के 1 अगस्त 2023 से रु.5 करोड़ तक के टर्नओवर वाले व्यापारियों पर लागू किए गए प्रावधान वापस लेने बाबत।
ऽ व्यवसाय को राहत देने एवं म्ेंम वि क्वपदह हेतु सुझाव।
ऽ जीएसटी की दर में कमी करने हेतु सुझाव।
ऽ न्यूनतम दंड पर पुनर्विचार।
ऽ नियम 86 बी-त्मेजतपबजपवद वि प्ज्ब् जव 99ः
ऽ पूर्व माह का जीएसटीआर -3बी न जमा होने पर जीएसटीआर -1 जमा करने पर प्रतिबन्ध।
ऽ जीएसटी वार्षिक विवरण के सम्बंध में सुझाव।
ऽ माल के परिवहन एवं ई-वे बिल सम्बंधित।
ऽ जीएसटी के प्रावधानों में सुधार हेतु अन्य सुझाव।
ऽ रिटर्न सम्बंधित अन्य समस्याएं ।
ऽ एक व्यवसाय एक कर ।
ऽ प्ळैज् आउटपुट के भुगतान के लिये ब्ळैज् और या ैळैज् इनपुट का उपयोग करने के लिये समान विकल्प दिया जाना चाहिए।
ऽ आंशिक रूप से/बिना नकद भुगतान के फॉर्म जीएसटीआर 3बी जमा करने का विकल्प दिया जाना चाहिए।
ऽ नियम 42/43 के उल्लंघन के लिए मार्जिनलाइजिंग नोटिस जारी किया गयाः नियम स्पष्ट रूप से स्थापित करता है।
ऽ राजस्व तटस्थ मामलों की पहचान रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म (आरसीएम) ।
ऽ धारा 74 का खुला दुरुपयोग।
ऽ पंजीकृत करदाताओं (आरटीपी) का क्रॉस-ज्यूरिस्डिक्शन और पुनर्मूल्यांकन/ बहु-मूल्यांकन।
ऽ धारा 149 का क्रियान्वयन ।
ऽ धारा 126 का विस्तार कर धारा 73 को शामिल करना : छोटे व्यवसायों को अनजाने में हुई गलतियों से बचाना।
जीआरसी मिटिंग में कैट एवं चैम्बर के पदाधिकारी मुख्य रूप से उपस्थित रहे :- जितेन्द्र दोशी, राकेश ओचवानी, निलेश मुंदडा, राम मंधान, राजेन्द्र खटवानी एवं तकनीकी टीम के सीए मुकेश मोटवानी सहित अन्य सदस्य प्रमुख रूप से उपस्थित थे।