दिल्ली सरकार का बड़ा फैसला, अब 1 अप्रैल से 15 साल पुराने वाहनों को नहीं मिलेगा पेट्रोल-डीजल

दिल्ली सरकार का बड़ा फैसला, अब 1 अप्रैल से 15 साल पुराने वाहनों को नहीं मिलेगा पेट्रोल-डीजल

नई दिल्ली। प्रदूषण के खिलाफ जंग में दिल्ली सरकार अभी से ही एक्शन मोड में दिखाई पड़ रही है। अन्य विभाग के तरह ही पर्यावरण विभाग में वायु प्रदूषण को दिल्ली में कम करने के लिए ताबड़तोड़ फैसले ले रही है। इसी कड़ी में दिल्ली सरकार ने वाहनों को लेकर शनिवार को एक बड़ा फैसला लिया। 

उतरेगा इलेक्ट्रिक बसों का बेड़ा
31 मार्च के बाद दिल्ली के पेट्रोल पंपों पर 15 साल से अधिक पुराने वाहनों को ईंधन नहीं दिया जाएगा। यानी पुराने वाहनों को पेट्रोल देना सरकार बंद कर देगी। इसके लिए एक विशेष टीम का गठन किया जाएगा, जो ऐसे वाहनों की पहचान करेगी। इसके साथ ही दिल्ली में करीब 90 प्रतिशत सार्वजनिक सीएनजी बसों को दिसंबर तक चरणबद्ध तरीके से हटा दिया जाएगा। इसकी जगह इलेक्ट्रिक बसों का बेड़ा उतारा जाएगा।

उठाए जाएंगे कड़े कदम
दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने शनिवार को अधिकारियों के साथ बड़ी बैठक की। जहां वाहनों से होने वाले उत्सर्जन और प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए कड़े कदम उठाने पर चर्चा की गई। बैठक में प्रमुख नीतिगत निर्णयों पर ध्यान केंद्रित किया गया। जिसमें पुराने वाहनों पर प्रतिबंध, अनिवार्य एंटी-स्मॉग उपाय और इलेक्ट्रिक सार्वजनिक परिवहन में परिवर्तन शामिल रहा। सड़कों पर सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने पर भी चर्चा की गई।

ऊंची इमारतों में लगेंगे एंटी-स्मॉग गन
बैठक के बाद सिरसा ने कहा कि दिल्ली सरकार इस फैसले के बारे में केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय को सूचित किया जाएगा। सिरसा ने घोषणा की कि राजधानी में सभी ऊंची इमारतों, होटलों और वाणिज्यिक परिसरों में वायु प्रदूषण के स्तर को रोकने के लिए एंटी-स्मॉग गन लगाया जाएगा

कराई जाएगी कृत्रिम बारिश
पुराने वाहनों को पेट्रोल पंप से पेट्रोल नहीं मिलने की वजह से उन वाहन चालकों को दिल्ली में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है जो अन्य राज्यों से आवाजाही करते हैं। सिरसा ने कहा कि क्लाउड सीडिंग के लिए जो भी अनुमति चाहिए वह ली जाएगी। सुनिश्चित करेंगे कि जब दिल्ली में गंभीर प्रदूषण हो तो इस उपाय से कृत्रिम बारिश कराई जा सके और प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके।

कूड़े का पहाड़ होगा खत्म
मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि दिल्ली में तीन विषय है एक प्रदूषण जो डस्ट प्रदूषण है, एक व्हीकल प्रदूषण है, एक कंस्ट्रक्शन प्रदूषण है। इन तीनों विषय पर एक साथ काम चलेगी। दिल्ली सरकार ने कूड़े पहाड़ को खत्म करने का निर्णय लिया है। सिरसा ने कहा है कि एक से डेढ़ साल के भीतर कूड़े के पहाड़ साइट्स को खत्म कर देंगे। पिछली सरकार ने प्रदूषण को कम करने के लिए कोई भी कम नहीं उठाया। केंद्र सरकार की तरफ से जो भी फंड दिया गया उनका भी इस्तेमाल नहीं किया गया था। एक टीम का गठन होगा, जो 15 साल पुराने वाहनों की पहचान करेगी।

खाली जमीन तैयार किए जाएंगे जंगल
दिल्ली के सभी विश्वविद्यालय के छात्रों को पौधारोपण ड्राइव में जोड़ा जाएगा। प्रदूषण के जिम्मेदार लोगों को निर्देश जारी कर रहे हैं कि प्रदूषण को कम करने के लिए नए गैजेट्स को लगाए। दिल्ली में जो खाली जमीन है वहां जंगल तैयार किए जाएंगे ताकि प्रदूषण में कमी लाई जा सके। एक ही लक्ष्य है जो प्रदूषण कर रहा है समाधान भी वही देगा। दिल्ली का अपना प्रदूषण 50 फीसदी से ज्यादा है। अपनी अथॉरिटी को कहा है कि सरकार पूरी तरीके से सपोर्ट करने के लिए तैयार है।