छत्तीसगढ़ की पहली महिला अग्निशमन अधिकारी: साहस, सेवा और संकल्प की मिसाल

जांजगीर-चांपा से राजेश राठौर की रिपोर्ट
जांजगीर-चांपा। छत्तीसगढ़ की बेटियाँ हर क्षेत्र में नए आयाम गढ़ रही हैं, और इसका जीता-जागता उदाहरण हैं सुश्री योग्यता साहू, जो राज्य की पहली महिला अग्निशमन अधिकारी बनी हैं। वर्तमान में वे जिला सेनानी एवं जिला अग्निशमन अधिकारी के पद पर जांजगीर में पदस्थ हैं और नगर सेना, एसडीआरएफ, फायर एवं आपातकालीन सेवा विभाग के अंतर्गत अपनी सेवाएँ दे रही हैं।
आग से जूझने का जज़्बा, हर कॉल है एक नई चुनौती
नेशनल फायर सर्विस कॉलेज, नागपुर, जो कि देश का एकमात्र प्रतिष्ठित संस्थान है जहाँ फायर संबंधित प्रशिक्षण दिया जाता है, वहाँ से योग्यता साहू ने अपना फायर सर्विस का सफर शुरू किया। आज वे न केवल आगजनी की घटनाओं में तत्परता से राहत कार्यों का संचालन कर रही हैं, बल्कि कई नवाचारों के माध्यम से अग्निशमन सेवा को और प्रभावी बना रही हैं।
हर कॉल अपने आप में एक नई चुनौती होती है, लेकिन सबसे कठिन परिस्थितियाँ तब बनती हैं जब आग घनी बस्तियों या सकरे रास्तों वाले इलाकों में लगती है, जहाँ फायर वाहन का पहुँचना मुश्किल होता है। योग्यता साहू बताती हैं कि ऐसे समय में टीम वर्क, त्वरित निर्णय और संसाधनों का सही उपयोग ही सफलता की कुंजी बनते हैं।
महिला नेतृत्व में फायर सर्विस को नई दिशा
फायर सर्विस जैसे चुनौतीपूर्ण क्षेत्र में महिला अधिकारी के रूप में कार्य करना न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि अन्य महिलाओं को भी इस क्षेत्र में आगे आने के लिए प्रेरित कर रहा है। योग्यता साहू का मानना है कि साहस, आत्मविश्वास और कड़ी मेहनत से कोई भी महिला किसी भी क्षेत्र में अपना परचम लहरा सकती है।
महिला दिवस पर विशेष संदेश
महिला दिवस के अवसर पर सुश्री योग्यता साहू ने संदेश देते हुए कहा,
"हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है, और यह बदलाव समाज के लिए सकारात्मक संकेत है। कोई भी काम मुश्किल नहीं, बस उसे करने का जुनून और संकल्प होना चाहिए।"
योग्यता साहू: प्रेरणा की नई किरण
सुश्री योग्यता साहू छत्तीसगढ़ की पहली महिला अग्निशमन अधिकारी के रूप में न केवल राज्य का बल्कि पूरे देश का नाम रोशन कर रही हैं। उनका सफर इस बात का प्रमाण है कि साहस और सेवा का जज़्बा हो, तो कोई भी चुनौती बड़ी नहीं होती।