सामूहिक आत्मसमर्पण नीति को प्रभावी बनाएगी सरकार

सामूहिक आत्मसमर्पण नीति को प्रभावी बनाएगी सरकार

रायपुर (चैनल इंडिया)। राज्य सरकार नक्सलवाद को खत्म करने के लिए अपनी रणनीति को और मजबूत करने की तैयारी में है। सरकार विशेष रूप से सामूहिक आत्मसमर्पण नीति को अधिक प्रभावी बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है, ताकि अधिक से अधिक नक्सली हिंसा का रास्ता छोडक़र मुख्यधारा से जुड़ सकें और पुनर्वास योजनाओं का लाभ उठा सकें।
 जल्द ही इसका क्रियान्वयन तेज होगा। सरकार का लक्ष्य मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को नक्सलवाद से मुक्त करना है और अब इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए केवल एक साल का समय बचा है। इस दिशा में सरकार आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को व्यापक सुविधाएं प्रदान करने की योजना पर काम कर रही है।
 नई नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को आर्थिक सहायता, शिक्षा, रोजगार और पुनर्वास की सुविधाएं दी जाएंगी। सरकार का मानना है कि अगर नक्सली हिंसा का रास्ता छोडक़र समाज की मुख्यधारा में लौटते हैं, तो यह न केवल राज्य में शांति बहाली में मदद करेगा, बल्कि उनके जीवन में भी सकारात्मक बदलाव लाएगा। साय सरकार के पिछले 14 महीनों के कार्यकाल में 300 से अधिक नक्सली मारे गए हैं और एक हजार से अधिक नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। यह दर्शाता है कि सरकार की नीतियां असरदार साबित हो रही हैं और नक्सल प्रभावित इलाकों में बदलाव देखा जा रहा है।
 सरकार अब इस प्रक्रिया को और तेज करने के लिए अतिरिक्त कदम उठा रही है। प्रदेश में पिछले 14 महीनों में 1,000 से अधिक नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को आवास, शिक्षा, आर्थिक सहायता और रोजगार के अवसर दिए जाते हैं। हिंसा छोडऩे वाले नक्सलियों को कृषि और लघु उद्योगों में रोजगार दिया जाएगा।।