वीर नारायण सिंह संग्रहालय में दिखेगी जनजातीय विद्रोह की वास्तविक झांकी
रायपुर। नवा रायपुर में निर्माणाधीन शहीद वीरनारायण सिंह संग्रहालय परिसर में छत्तीसगढ़ राज्य में ब्रिटिशकाल में हुए जनजातीय विद्रोह की झांकी को वास्तविक स्वरूप में तैयार किया जा रहा है। ब्रिटिशकाल के दौर में अपनी अस्मिता और संस्कृति को बचाने के लिए हुए जनजातीय विद्रोह के दौरान कई छत्तीसगढ़ के अनेक वीर सपूतों ने अपने प्राण न्यौछावर किए। झांकी के माध्यम से जनजातीय विद्रोह को वास्तविक स्वरूप में प्रदर्शित करने मेें बस्तर, कोलकाता और मुम्बई फिल्म सिटी के आर्टिस्ट जुटे हैं।
आदिम जाति कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने शहीद वीरनारायण सिंह संग्रहालय का दौरा कर वहां चल रहे निर्माण कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने जनजातीय विद्रोह की झांकी तैयार करने में जुटे आर्टिस्टों से मुलाकात कर उनकी हौसला अफजाई की। प्रमुख सचिव बोरा ने कहा कि जनजातीय विद्रोह के वास्तविक स्वरूप को दर्शाने के लिए तैयार की जा रही यह झांकी जनजातीय समुदाय के गौरवशाली इतिहास का स्मरण कराएगी। नया रायपुर में पुरखौती मुक्तांगन के समीप 45 करोड़ की लागत से लगभग 10 एकड़ भूमि पर शहीद वीरनारायण सिंह म्यूजियम स्थापित किया जा रहा है। इस संग्रहालय में छत्तीसगढ़ के जनजातीय जीवन शैली एक अलग म्यूजियम तैयार किया जा रहा है, जो जनजातीय कला-संस्कृति और रीति-रिवाजों से रूबरू कराएगा। म्यूजियम निर्माण में लगे क्यूरेटर प्रोबल घोष ने बताया कि छत्तीसगढ़ के आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के वीर गाथाओं पर आधारित इस झांकी का निर्माण काफी चुनौती पूर्ण कार्य है। इस म्यूजियम में आदिवासियों की ग्रामीण जन-जीवन, उनकी स्वतंत्रता फिर उनकी वीर गाथा की वास्तविक कहानी क्लासिकल लुक में दिखेगी।