परंपरागत जैविक कृषि में ही है कृषकों की आर्थिक समृद्धि- विधायक अटामी
कृषि को लाभकारी व्यवसाय में परिवर्तन वर्तमान दौर की प्रमुख मांग, फसल उत्पादन के साथ उसके प्रसंस्करण के तौर तरीके भी सीखें कृषक - पद्मश्री भारत भूषण
दंतेवाड़ा से भूषण सेठिया की रिपोर्ट
दंतेवाड़ा। आज जावंगा ऑडिटोरियम में द्वि दिवसीय ’’ऑर्गेनिक दंतेवाड़ा कॉन्कलेव के अंतिम दिन मुख्य अतिथि के रूप में पधारे क्षेत्र विधायक चैतराम अटामी ने वक्तव्य में कहा कि यह हर्ष का विषय है कि जिले में प्रथम बार ऑर्गेनिक दंतेवाड़ा कॉन्कलेव का आयोजन किया गया है। इस आयोजन से न केवल हमारे जिले के जैविक कृषकों की उपलब्धियों को सम्मानित किया गया। इसके साथ ही परंपरागत खेती के महत्व और उसकी परंपरागत विरासत को दर्शाया गया है। जैविक खेती न केवल कृषि की एक स्वस्थ और पर्यावरण-अनुकूल विधि है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक और पारंपरिक धरोहर को भी जीवित रखती है। अटामी ने किसानों की सराहना करते हुए यह संदेश दिया है कि वे जिले के गौरव को बढ़ा रहे हैं। दंतेवाड़ा जिले में जैविक खेती की परंपरा हमारे पूर्वजों के समय से चली आ रही है, जो इस क्षेत्र की विशेषता और पहचान है। इस प्रकार के आयोजन से न केवल किसानों को प्रोत्साहित करते हैं, बल्कि अन्य लोगों को भी इस दिशा में कार्य करने के लिए प्रेरित करते हैं। जैविक खेती को बढ़ावा देने से न केवल पर्यावरण संरक्षण होगा, बल्कि स्वस्थ जीवनशैली और समृद्ध कृषि अर्थव्यवस्था की ओर भी यह एक सकारात्मक कदम है। इसके साथ ही उन्होंने आगे कहा कि जिले में अंधाधुंध भूमिगत जल दोहन करने के दुष्परिणामों की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि अत्यधिक बोर खनन से जलस्तर तेजी से नीचे जा रहा है अतः हमें घर -घर कुएं के निर्माण को बढ़ावा देना होगा। इसके साथ ही उन्होंने गोवंश पालन के महत्व को बताते हुए कहा कि जैविक खाद का प्रमुख स्त्रोत गोवंश ही है अतः गायों सहित अन्य पशुओं को घुमन्तु न बनाए। राज्य शासन द्वारा किसानों के हित में प्रारंभ की गई योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि शासन किसानों के सम्मान के लिए प्रतिबद्ध है। विधायक का यह भी कहना था कि वे स्वयं किसान पुत्र है और विधायक होने के बाद भी आज खेतों में काम करना उनके लिए गर्व की बात है। इसके साथ ही उन्होंने विभिन्न प्रदेशों से आए जैविक कृषि विशेषज्ञों को आने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में पधारे जैविक कृषि विशेषज्ञ पद्मश्री भारत भूषण त्यागी ने भी अपना वक्तव्य दिया ज्ञात हो कि बुलंदशहर उत्तर प्रदेश के निवासी त्यागी भारतीय किसान शिक्षक और प्रशिक्षक है। जिन्होंने जैविक कृषि के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है। जिसके लिए भारत सरकार द्वारा पद्मश्री अवार्ड से नवाजा गया है। उनका कहना था कि कृषकों की आर्थिक विकास जैविक कृषि से ही संभव है। इसके अलावा हमें बहु फसलीय पद्धति का भी अनुकरण करना होगा। यदि पूरी समझदारी से जैविक कृषि के नियमों को सीखा जाए तो फसल उत्पादन में बढ़ोतरी निश्चित है इसके अलावा भारत सरकार द्वारा प्रमाणीकरण भी निशुल्क किया गया है। कृषकों को अपने जैविक उत्पादन के साथ उसके प्रसंस्करण प्रक्रिया भी अपनानी पड़ेगी। कुल मिलकर कृषि का लाभकारी व्यवसाय में बदलना इसका अंतिम उद्देश्य है। उत्तर प्रदेश और यहां के कृषि परिदृश्य की तुलना करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के मुकाबले यहां जैविक कृषि के लिए अधिक अनुकूल अवसर है यहां के प्राकृतिक संसाधन और भूमि के चलते यह क्षेत्र जैविक कृषि में अग्रणी बन सकता है। इसके साथ ही उन्होने कहा कि जैविक कृषि के संबंध में नाना प्रकार के तौर तरीकों में उलझना हितकर नहीं है इसके बजाए हम एक सीधे रास्ते का अनुकरण करें। जैविक कृषि भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है। जैविक खेती न केवल पर्यावरण के लिए अनुकूल है, इससे न केवल किसानों की आय भी बढ़ेगी और उपभोक्ताओं को स्वास्थ्यवर्धक भोजन प्राप्त होगा।
ऑर्गेनिक दंतेवाड़ा कॉन्क्लेव के दूसरे दिन प्रगतिशील किसानों और विशेषज्ञों ने जैविक खेती के महत्व और उसके फायदे पर चर्चा की। इस क्रम में रोहित साहू (दुर्ग) और धनेन्द्र साहू (धमतरी) ने अपने अनुभव साझा करते हुए जैविक खेती की तकनीकों और इसके सकारात्मक प्रभावों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने जैविक खेती करके भूमि की उर्वरता को बनाए रखी, बल्कि पर्यावरण का संरक्षण भी किया। इसके अलावा जिले की प्रतिभाशाली छात्रा कृति नेताम ने भी इसमें भाग लेते हुए और जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए अपने विचार साझा किए। उन्होंने स्थानीय समुदाय को जैविक खेती अपनाने के लिए प्रेरित किया और बताया कि यह न केवल स्वास्थ्य के लिए बेहतर है बल्कि आर्थिक रूप से भी किसानों को सशक्त बना सकती है। इस तरह के कार्यक्रम से किसानों को नई तकनीकों और अनुभवों से परिचित होने का अवसर मिलता है, जिससे वे अपनी खेती को अधिक लाभकारी और पर्यावरण अनुकूल बना सकते हैं।
इसके साथ ही विधायक एवं जनप्रतिधियों के हाथों कृषकों को कृषि यंत्रों का वितरण, 16 ग्रामों को वृहद क्षेत्र प्रमाणीकरण अन्तर्गत प्रमाण पत्र का वितरण, के साथ-साथ जिले के 1062 आंगनबाड़ी केन्द्र में गंभीर कुपोषित बच्चों को दिए जाने वाले जैविक मल्टीग्रेन मिलेट पोषण आहार को ’’लांच’’ किया गया। इस इस मौके पर जिला पंचायत सदस्य रामूराम नेताम, जिला पंचायत सदस्य वेशुराम मंडावी, सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी, कृषि उप संचालक सूरज पंसारी सहित अन्य जिलों के कृषि अधिकारी उपस्थित थे।