माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में नियद नेल्लानार योजना से पहुंच रही विकास की किरणें
जगदलपुर से कृष्णा झा की रिपोर्ट
सुकमा। माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में विकास और जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा नियद नेल्लानार योजना को सफलतापूर्वक संचालन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में इस योजना का मुख्य उद्देश्य सुरक्षा कैंपों के पांच किलोमीटर की परिधि में बसे गांवों में केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का शत-प्रतिशत लाभ पहुंचाना है।
नियद नेल्लानार योजना ने माओवाद प्रभावित इन गांवों में विकास की किरणें पहुंचा रही है और ग्रामीणों के जीवन में सुरक्षा, सुविधा और खुशहाली का नया अध्याय जोड़ा है।
जिले में इस योजना के अंतर्गत 09 सुरक्षा कैंपों के दायरे में स्थित गांवों में 17 विभागों के सहयोग से 52 हितग्राही मूलक और 31 जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को दिया जा रहा है। यह पहल माओवाद क्षेत्रों विकास को गति देने के साथ ही ग्रामीणों के जीवन स्तर में भी सुधार ला रही है।
सोलर हाई मास्ट संयंत्र की स्थापना से रोशन हुए गांव
योजना के तहत ग्राम सिलगेर, टेकलगुड़ियम और पुवर्ती में छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) विभाग द्वारा सोलर हाई मास्ट संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं। इन सोलर संयंत्रों के माध्यम से रात्रि के समय पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। इससे ग्रामीणों को आवागमन में सुविधा हो रही है होने के साथ ही ग्रामीणों को सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यक्रमों के आयोजन में भी आसानी हो रही है।
सुरक्षित और आरामदायक महसूस कर रहे
ग्राम पुवर्ती के निवासी हड़मा ने बताया कि पहले रात के समय गांव में अंधेरा छा जाता था, जिससे बाहर निकलना मुश्किल हो जाता था। लेकिन अब रोशनी के कारण हम सुरक्षित और आरामदायक महसूस करते हैं। साथ ही बच्चों को देर शाम तक खेलने में कोई परेशानी नहीं हो रही है। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और क्रेडा विभाग का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह सुविधा उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लेकर आई है।
ग्रामीणों को बुनियादी सुविधाओं दिलाने की दिशा में जोर
कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव ने कहा कि नियद नेल्ला नार योजना के तहत ग्रामीणों को बुनियादी सुविधा दिलाने के साथ ही पात्र हितग्रहियों शत-प्रतिशत लाभ दिलाने की दिशा में काम कर रहे है। सोलर हाई मास्ट संयंत्र से ग्रामीण जीवन को बेहतर होने के साथ ही पर्यावरण-संवेदनशील विकास की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम हैं। उन्होंने कहा कि माओवाद प्रभावित इन क्षेत्रों में हर व्यक्ति तक बुनियादी सुविधाएं और सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंच सके।