रोज एक टुकड़ा गुड़ बचाएगा एनीमिया से, जाने गुड़ के अन्य लाभकारी गुण

रोज एक टुकड़ा गुड़ बचाएगा एनीमिया से, जाने गुड़ के अन्य लाभकारी गुण

नई दिल्ली। भारत में स्वस्थ जीवन परंपरा की नींव बहुत गहरी है। आयुर्वेद के मुताबिक, हमारी रसोई में मौजूद सभी मसाले और हर्ब्स कई मों की दवा हैं। इसी तरह सर्दियों में लगभग हर इंडियन किचन में गुड़ मिल जाता है। इसकी तासीर गर्म होती है। इसलिए इसे सर्दियों का सुपरफूड कहा जाता है।

गुड़ सिर्फ एक औषधीय चीज या मिठाई से कहीं ज्यादा है। यह सदियों से चली आ रही भारतीय भोजन पद्धति का सार है। अमेरिकन केमिस्ट अल्बर्ट सी. बार्न्स ने अपनी किताब 'एग्रीकल्चर ऑफ द शुगरकेन' में लिखा है कि लगभग 600 ईसा पूर्व के आसपास गन्ना मलय प्रायद्वीप और बर्मा से भारतीय उपमहाद्वीप में आया था। यहां गुड़ का उत्पादन लगभग तब से ही हो रहा है। मौजूदा वक्त में पूरी दुनिया का 70% गुड़ भारत में बनता है।

गुड़ खाने से एनर्जी लेवल बढ़ता है। इसमें कई जरूरी विटामिन्स के साथ आयरन, मैग्नीशियम और कैल्शियम जैसे महत्वपूर्ण मिनरल्स भी होते हैं। यह एनीमिया के जोखिम से बचाता है और जोड़ों के दर्द के लिए बेहद फायदेमंद है।

इसमें शुगर सुक्रोज और फ्रुक्टोज के रूप में होता है। इसलिए इसका स्वाद मीठा होता है और खाने से तुरंत एनर्जी मिलती है। गुड़ में शरीर के लिए जरूरी विटामिन A, C और E होते हैं। इसमें आयरन समेत कई जरूरी मिनरल्स भी होते हैं।

भारतीय भोजन पद्धति में खाने के बाद एक टुकड़ा गुड़ खाना एक रिवाज सा रहा है। अब यह हमारे बीच में इस कदर रच-बस गया है कि जो लोग मीठा नहीं खाते हैं, वे भी गुड़ खाने से इनकार नहीं करते हैं।

इससे भोजन के पाचन में मदद मिलती है। यह लिवर और ब्लड को डिटॉक्स करने में भी मदद करता है। इसकी खास बात ये है कि यह लंग्स और ब्रॉन्कियल इन्फेक्शन से बचाता है। इसलिए अगर रोज गुड़ खा रहे हैं तो रेस्पिरेटरी डिजीज का जोखिम कम होता है।