तिलक के ऊपर क्यों लगाते हैं अक्षत? जानें धार्मिक महत्व

नई दिल्ली। हिंदू धर्म में तिलक का बेहद खास महत्व होता है जब भी किसी घर में पूजा पाठ होती है तो तिलक लगाकर ही पूजा पाठ किया जाता है। बिना तिलक लगाए पूजा पाठ करना अशुभ माना जाता है। तिलक देवी देवताओं का आशीर्वाद भी माना जाता है। तिलक लगाने से जीवन में सुख समृद्धि की वृद्धि होती है एवं धन-धान्य की कभी भी कमी नहीं होती है। तिलक कई प्रकार के सामग्रियों से लोग लगाते हैं जैसे कुमकुम,चन्दन,भस्म इत्यादि। माथे पर तिलक के साथ चावल यानि अक्षत का भी प्रयोग किया जाता है। आखिर क्यों तिलक के साथ अक्षत का प्रयोग किया जाता है क्या इसका महत्व होता किस प्रकार का अक्षत प्रयोग किया जाना चाहिए आइये जानते हैं....
धर्म के जानकार कहते हैं कि मस्तिष्क पर जो तिलक लगाते हैं वह तिलक आपका कल्याण का प्रतीक होता है। तिलक सभी को लगाना चाहिए चाहे उनके जो भी देवी देवता इष्ट हो। तिलक लगाने से जीवन में मंगल होता है। तिलक का ग्रह नक्षत्र से भी नाता है क्युकी मस्तिष्क के बीच गुरु का केंद्र माना जाता है और तिलक मस्तिष्क के बीच में लगाने से गुरु ग्रह मजबूत होते हैं। इससे हमारे शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह तेजी से होता है और मन मस्तिष्क बिल्कुल शांत रहता है।
जानिए क्यूँ तिलक के साथ अक्षत का प्रयोग किया जाता है :
तिलक के साथ हमेशा अक्षत का प्रयोग करना चाहिए। बिना अक्षत का तिलक अधूरा होता है। चावल जो है वह धन धान्य का प्रतीक माना जाता है। इसके साथ ही चावल सूर्य के सकरात्मक ऊर्जा को खींचकर पुरे शरीर मे प्रभावित करता है। अगर जाता के तिलक के साथ चावल का प्रयोग करते हैं तो कभी भी घर मेंअन्न की कमी नही होगीं और माता लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहेगी।