अब केदारनाथ धाम पहुंचना हुआ आसान, नहीं चढ़नी पड़ेगी 16 किलोमीटर की कठिन चढ़ाई, बनने जा रहा दुनिया का सबसे लंबा रोपवे

अब केदारनाथ धाम पहुंचना हुआ आसान, नहीं चढ़नी पड़ेगी 16 किलोमीटर की कठिन चढ़ाई, बनने जा रहा दुनिया का सबसे लंबा रोपवे

देहरादून। बाबा केदारनाथ के दर्शन करने जाने वाले लाखों श्रद्धालुओं के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। अब गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक भक्तों को 16 किलोमीटर की कठिन चढ़ाई नहीं करनी पड़ेगी, बल्कि वे रोपवे के जरिए मात्र 30 मिनट में भगवान भोलेनाथ के दरबार पहुंच सकेंगे। इस 9.7 किलोमीटर लंबे रोपवे का निर्माण कार्य जल्द शुरू होने वाला है, जिसके लिए 956 करोड़ रुपये का बजट तैयार किया गया है।

इस मेगा प्रोजेक्ट को दो चरणों में पूरा किया जाएगा। जिसमें पहला चरण गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक 9.7 किलोमीटर लंबा रोपवे बनाया जाएगा। सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक 3.3 किलोमीटर का रोपवे जोड़ा जाएगा, जिससे पूरे सफर को आसान बनाया जा सके।

रोपवे के सुचारू संचालन के लिए बनाए जाएंगे प्रमुख स्टेशन :
इस परियोजना से केदारनाथ धाम की यात्रा सुगम और सुविधाजनक हो जाएगी, खासकर बुजुर्गों, बच्चों और महिला तीर्थयात्रियों के लिए, जिन्हें अभी 7 से 8 घंटे तक पैदल चलना पड़ता है। इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने अपनी निगरानी में लिया है और इसका कार्य नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट लिमिटेड (NHLML) को सौंपा गया है। इस रोपवे के लिए हवाई व भूमिगत सर्वे समेत सभी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं और भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया भी संपन्न हो चुकी है।

रोपवे की सुचारु संचालन व्यवस्था के लिए तीन प्रमुख स्टेशन और तीन सब-स्टेशन बनाए जाएंगे. प्रमुख स्टेशन सोनप्रयाग और केदारनाथ धाम में बनाए जाएंगे। सब-स्टेशन गौरीकुंड, चीरबासा और लिनचोली में स्थापित होंगे। बीते कुछ वर्षों में केदारनाथ धाम में तीर्थयात्रियों की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। पिछले दो वर्षों से हर यात्रा सीजन में 15 लाख से अधिक भक्त बाबा केदार के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। इन श्रद्धालुओं में बड़ी संख्या घोड़ा-खच्चर और डंडी-कंडी से यात्रा करने वालों की होती है, लेकिन पैदल जाने वाले तीर्थयात्रियों को बेहद कठिनाई का सामना करना पड़ता है।

पीएम मोदी की ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल रोपवे परियोजना :
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस रोपवे परियोजना को अपने ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल किया है। उनका लक्ष्य है कि उत्तराखंड में चारधाम यात्रा को विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस किया जाए। प्रधानमंत्री मोदी ने 2022 में केदारनाथ दौरे के दौरान इस परियोजना की घोषणा की थी और अब जल्द ही इसका निर्माण कार्य शुरू होने वाला है। केदारनाथ धाम में रोपवे बनने से श्रद्धालुओं को काफी लाभ मिलेगा। 

1. तीर्थयात्रा होगी आसान- अब कठिन चढ़ाई नहीं करनी पड़ेगी, जिससे बुजुर्गों और बच्चों के लिए यात्रा सरल होगी।
2. समय की बचत- जहां पहले गौरीकुंड से केदारनाथ तक 7-8 घंटे का समय लगता था, अब यह यात्रा मात्र 30 मिनट में पूरी होगी।
3. यात्रा की सुरक्षा बढ़ेगी- बारिश, भूस्खलन और ठंड के कारण पैदल मार्ग जोखिम भरा होता है, लेकिन रोपवे से यात्रा ज्यादा सुरक्षित होगी।
4. पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा- केदारनाथ आने वाले पर्यटकों की संख्या में और वृद्धि होगी, जिससे स्थानीय रोजगार और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।

रोपवे बनने से केदारनाथ धाम पहुंचने में लगेंगे 30 मिनट :
रुद्रप्रयाग के जिला पर्यटन अधिकारी राहुल चौबे ने जानकारी दी कि रोपवे निर्माण के लिए निविदाएं आमंत्रित कर दी गई हैं और जल्द ही निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद है। रोपवे लगने के बाद तीर्थयात्रियों को सोनप्रयाग से केदारनाथ धाम पहुंचने में मात्र 30 मिनट लगेंगे। यह प्रोजेक्ट केदारनाथ यात्रा को विश्वस्तरीय अनुभव में बदल देगा। 

उन्होंने कहा, स्थानीय लोगों को नौकरी और रोजगार के अवसर मिलेंगे। पर्यटन बढ़ने से होटल, ढाबे और दुकान चलाने वालों की आमदनी बढ़ेगी। घोड़ा-खच्चर और डंडी-कंडी का कारोबार प्रभावित हो सकता है, लेकिन सरकार इन लोगों के लिए भी वैकल्पिक रोजगार की योजना बना रही है।

केदारनाथ धाम में बनेगा दुनिया का सबसे लंबा रोपवे :
केदारनाथ धाम में दुनिया का सबसे लंबा रोपवे बनने जा रहा है, जिससे तीर्थयात्रा अधिक सुविधाजनक, सुरक्षित और तेज हो जाएगी। 30 मिनट में बाबा केदारनाथ के दर्शन अब हकीकत होने वाला है। प्रधानमंत्री मोदी के इस ड्रीम प्रोजेक्ट से केदारनाथ यात्रा को नया आयाम मिलेगा और उत्तराखंड में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। अब सबकी निगाहें इस पर हैं कि इस ऐतिहासिक रोपवे का निर्माण कब शुरू होता है और भक्तों को इस सुविधा का लाभ कब तक मिलेगा।