बस्तर के लोहे के लिए सौ अधिक कंपनियां इंस्ट्रेस्टेड

चार लौह अयस्क खदानों के लिए टेंडर जारी
नीलामी से पांच सौ करोड़ राजस्व मिलने की उम्मीद
रायपुर (चैनल इंडिया)। प्रदेश के नक्सल इलाकों की खदानें खुलने लगी है। इस कड़ी में बस्तर इलाके की चार लौह अयस्क की खदानों के लिए सौ से अधिक कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई है। इन खदानों के लिए टेंडर जारी कर दिए गए हैं और हफ्तेभर के भीतर उच्चतम बोलीदार को खदान आबंटित कर दी जाएगी।
सरकार ने नक्सल उन्मूलन के लिए अभियान चलाया है। इस अभियान के चलते कई प्रभावित इलाकों से नक्सलियों का खात्मा हो गया है। इसके बाद से अब प्रभावित इलाकों में खनन गतिविधियां धीरे-धीरे शुरू हो रही है। इन सबके बीच बस्तर की चार लौह अयस्क की खदानों की नीलामी को लेकर हलचल है।
राज्य सरकार ने दंतेवाड़ा जिले की बैलाडीला डिपाजिट-01ए, बैलाडीला डिपाजिट-01बी, बैलाडीला डिपाजिट-01 सी, और कांकेर जिले की हाहालादी की खदान के लिए नीलामी प्रक्रिया शुरू की है। बैलाडीला की तीनों खदानें कुल 1725 हेक्टेयर की हैं। इससे परे हाहालादी की खदानें 201 हेक्टेयर की हैं। चारों खदानों में करीब तीन सौ मिलियन टन लौह अयस्क होने का अनुमान है।
बताया गया कि पिछले दिनों खदानों को लेकर प्री-बिड कॉन्फ्रेंस हुआ था। जिसमें करीब 120 कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई है। इनमें टाटा, जिंदल, निको, सारडा स्टील, लायड स्टील सहित अन्य नामी कंपनियां हैं। इन खदानों की नीलामी केन्द्र सरकार की एजेंसी एमएमटीसी लिमिटेड के माध्यम से हो रही है।
सूत्रों के मुताबिक राज्य सरकार को उक्त खदानों की नीलामी से भारी राजस्व की उम्मीद है। पिछले दिनों कर्नाटक में भी लौह अयस्क की खदानों की नीलामी हुई थी। उसमें करीब 160 फीसदी अधिक दर पर कंपनियों ने खदानें ली है। उक्त नीलामी से करीब पांच सौ करोड़ के राजस्व मिलने का अनुमान लगाया जा रहा है। इसके अतिरिक्त डीएमएफ, और जीएसटी के रूप में भी राजस्व की प्राप्ति होगी। आज तक टेंडर भरे जा सकते हैं। मार्च के पहले हफ्ते में उच्चतम बोलीदार वाली कंपनी को खदान आबंटित कर दी जाएगी।