कर्नाटक सरकार का फैसला: RSS गतिविधियों पर सरकारी संपत्तियों में रोक, नया बिल होल्ड
बेंगलुरु। कर्नाटक सरकार ने RSS की सरकारी संस्थानों और सार्वजनिक स्थानों पर गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए नए नियम बनाने का फैसला किया है, लेकिन प्रस्तावित बिल को फिलहाल स्थगित कर दिया गया। आईटी-बीटी मंत्री प्रियंक खरगे की मांग पर कैबिनेट ने 16 अक्टूबर को मंजूरी दी, जो 17 अक्टूबर को होल्ड हो गया।
यह कदम RSS शताब्दी समारोह से जुड़ा है, जहां विपक्षी नेता आर. अशोका के भाग लेने पर विवाद हुआ। खरगे ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को पत्र लिखकर RSS शाखाओं, मार्चों पर प्रतिबंध की मांग की। प्रस्तावित 'रेगुलेशन ऑफ यूज ऑफ गवर्नमेंट प्रेमिसेज एंड प्रॉपर्टीज बिल-2025' सरकारी स्कूलों, सड़कों पर अनुमति अनिवार्य करेगा।
कैबिनेट ने सभी संगठनों के लिए एकसमान नियमों का फैसला लिया। भाजपा ने इसे 'हिंदू-विरोधी' बताया, जबकि पूर्व लोकायुक्त संतोष हेगड़े ने असंवैधानिक होने की चेतावनी दी। कलबुर्गी में एक पीडीओ को RSS कार्यक्रम में भाग लेने पर निलंबित किया गया।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह कांग्रेस-भाजपा तनाव बढ़ाएगा। बिल विधानसभा सत्र में पेश हो सकता है, जिसका उद्देश्य सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखना है।

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