पत्नी ने पति को कहा 'पालतू चूहा',हाईकोर्ट ने माना मानसिक क्रूरता

पत्नी ने पति को कहा 'पालतू चूहा',हाईकोर्ट ने माना मानसिक क्रूरता

बिलासपुर (चैनल इंडिया)। हाईकोर्ट ने एक अहम मामले में बड़ा निर्णय सुनाया है। उच्च अदालत ने कहा कि पति को अपमानित करना और माता-पिता से अलग रहने की जिद करना मानसिक क्रूरता की श्रेणी में आता है। इसी आधार पर हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट के तलाक संबंधी फैसले को बरकरार रखा और पति को राहत दी।
 एक दंपती के विवाद में पत्नी ने पति पर मानसिक प्रताडऩा के आरोप लगाए थे। वहीं पति का कहना था कि पत्नी लगातार अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करती थी और ससुराल वालों से अलग रहने की मांग करती थी। उसने कोर्ट में बताया कि पत्नी के इस व्यवहार से उसका जीवन नर्क बन गया था। न्यायमूर्ति ने स्पष्ट किया कि भारतीय संयुक्त परिवार परंपरा में पति को माता-पिता से अलग करने की जिद, वैवाहिक रिश्ते को तोडऩे का आधार बन सकती है। पति को पालतू चूहा कहकर अपमानित करना भी मानसिक प्रताडऩा है। अदालत ने तलाक को मंजूरी देने के साथ ही पत्नी को पांच लाख रुपये का स्थायी भरण-पोषण और बेटे के लिए मासिक खर्च देने का आदेश भी दिया। कानूनी जानकारों का कहना है कि यह फैसला उन पतियों के लिए राहत भरा है, जो पत्नियों के अनुचित व्यवहार से परेशान रहते हैं।