तेलंगाना आरक्षण मामला: सुप्रीम कोर्ट ने 50% सीमा से अधिक बढ़ोतरी को नहीं दी मंजूरी
Telangana reservation case
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना सरकार के स्थानीय निकाय चुनावों में पिछड़े वर्ग (OBC) के लिए 42% आरक्षण बढ़ाने के फैसले को मंजूरी देने से इनकार कर दिया है। 16 अक्टूबर को दाखिल विशेष अनुमति याचिका (SLP) को खारिज करते हुए कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जाति आधारित आरक्षण की कुल सीमा 50% से अधिक नहीं हो सकती।
हाईकोर्ट ने पहले ही इस फैसले पर अंतरिम रोक लगा दी थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा। बेंच ने कहा कि 'ट्रिपल टेस्ट'—आरक्षण की आवश्यकता, पिछड़ेपन का आकलन और प्रभाव का मूल्यांकन—का पालन अनिवार्य है। इंद्रा साहनी मामले (1992) की 50% कैप को मजबूत करते हुए कोर्ट ने निर्देश दिया कि निर्धारित तिथि पर चुनाव होंगे, लेकिन बढ़े हुए कोटा के बिना।
यह निर्णय तेलंगाना सरकार के लिए बड़ा झटका है, जो OBC आरक्षण को मौजूदा 29% से बढ़ाकर 42% करने की कोशिश कर रही थी। विपक्ष ने इसे संवैधानिक उल्लंघन बताया, जबकि सरकार ने सामाजिक न्याय का हवाला दिया था। मामला अब और सियासी बहस को जन्म दे सकता है।

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