बस्तर की धरा से केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने फिर नक्सलियों को ललकारा "कोई वार्ता नहीं होगी, सरेंडेर करें"
मैंने माईंजी से प्रार्थना की है कि बस्तर को नक्सल मुक्त कराने के लिए सुरक्षाबल के जवानों को शक्ति दे
सीएम विष्णुदेव साय की सरेंडर पॉलिसी को जमकर सराहा
जगदलपुर (चैनल इंडिया)। 75 दिनों तक चलने वाले विश्व प्रसिध्द बस्तर दशहरा के मौके पर आयोजित मुरिया दरबार में शामिल होने के लिए जगदलपुर पहुंचे केंद्रीय गृहमंत्री ने आज फिर नक्सलियों को ललकारते हुए कहा कि बेहतर होगा कि वे तत्काल हथियार डाल दें और मुख्य धारा से जुड़ जाएं अन्यथा सुरक्षा जवान उनके जवाब देने को तैयार हैं।
मुरिया दरबार में शामिल होने के बाद लालबाग मैदान पर बस्तर दशहरा लोकोत्सव उपस्थित जनसमूह को सम्बोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि जगदलपुर पहुंचने के बाद वे मां दंतेश्वरी के दर्शन करने व उनका आसीर्वाद लेने गए थे। उन्होंने कहा कि मैंने माईंजी से प्रार्थना की है कि 31 मार्च 2026 तक बस्तर को नक्सल मुक्त कराने के लिए सुरक्षा बलों को शक्ति प्रदान करे।
उन्होंने कहा कि मुझे पूरा भरोसा है कि माईंजी मेरी प्रार्थना जरूर सुनेंगी। बस्तर दशहरा की सराहना करते हुए अमित शाह ने कहा कि उन्हें आज सुबह ही मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बताया कि रथ कैसे बनाया जाता है। अभी तक मैं यही समझ रहा था कि जगन्नाथपुरी में महाप्रभु जगन्नाथ का रथ बनाना बहुत कठिन है लेकिन आज पता चला कि मां दंतेश्वरी का रथ तैयार करना उससे भी अधिक कठिन है।
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की सही तस्वीर बस्तर दशहरे तथा मुरिया दरबार में देखी जा सकती है। केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि बस्तर के विकास में सबसे बड़ी बाधा नक्सलवाद रहा है, लेकिन अब वह दिन दूर नहीं जब बस्तर नक्सल मुक्त होगा तथा भारत सरकार तथा छत्तीसगढ़ सरकार की योजनाएं बस्तर के अंतिम आदिवासी तक पहुंचेंगी। उन्होंने बस्तर वासियों से अपील की कि नक्सल गतिविधियों में शामिल अपने गांव के नौजवानों को हथियार छोड़कर मुख्य धारा में आने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने बहुत प्रभावशाली सरेंड्र पॉलिसी बनाई है।
केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि देशवासियों की चिंता करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रोजमर्रा की वस्तुओं को जीएसटी से मुक्त कर दिया है अथवा उसमें जीएसटी की दरें बहुत कम कर दी हैं, इससे देशवासियों को बड़ी राहत मिली है। अमित शाह ने स्वदेशी अपनाने की अपील करते हुए कहा कि अगर देश की 140 करोड़ की आबादी स्वदेशी अपना ले तो भारत दुनिया की सबसे बड़ी आुिर्थक शक्ति बन जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए प्रत्येक देशवासी व व्यापार करने वालों को संकल्प लेना होगा कि व स्वदेशी खरीदेगा और व्यापारी स्वदेशी ही बेचेगा।
बस्तर को विकास के लिए अलग पैकेज की जरूरत नहीं
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार देर शाम नया रायपुर पहुँचने के तुरंत बाद कहा था कि वरिष्ठ माओवादी कमांडरों को सबसे पहले हिंसा छोडऩी होगी और मार्च 2026 तक आत्मसमर्पण करना होगा। हम जनहित में बातचीत पर तभी विचार कर सकते हैं। उन्होंने दोहराया कि सशस्त्र कार्यकर्ताओं को या तो हथियार डालकर मुख्यधारा में शामिल होना होगा या फिर तीव्र अभियानों का सामना करना होगा। शाह ने नया रायपुर में एक राष्ट्रीय दैनिक के साथ अनौपचारिक बातचीत में कहा, अब समय आ गया है कि माओवादी हिंसा छोड़ दें और उनके आत्मसमर्पण के फैसले का सरकार लाल कालीन बिछाकर स्वागत करेगी।
अमित शाह ने कहा कि यह निर्णय बस्तर के लोगों की भावनाओं से उपजा है, जो दशकों के संघर्ष और भय के माहौल से थक चुके हैं। बस्तर के लोग शांति और विकास चाहते हैं, खून-खराबा नहीं। उन्होंने कहा कि बस्तर को अपने विकास के लिए अलग पैकेज की ज़रूरत नहीं है, लेकिन हम सेवाओं की 100 प्रतिशत संतृप्ति सुनिश्चित करते हैं। उन्होंने कहा कि सशस्त्र हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसे ख़त्म किया जाना चाहिए। जहाँ तक विचारधारा का सवाल है, संविधान सभी विचारों को सह-अस्तित्व की जगह देता है।
गृह मंत्री ने यह भी दावा किया कि मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का प्रभाव , जिन पर अक्सर माओवादियों का समर्थन करने का आरोप लगाया जाता है, पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है। उन्होंने कहा कि बस्तर की जड़ें रामायण काल की आदिवासी संस्कृति में हैं, जो दुर्भाग्य से वामपंथी उग्रवाद के प्रभुत्व और प्रसार के कारण कहीं खो गई थी। लेकिन अब, जब नक्सलवाद को कगार पर धकेल दिया गया है।
मां दंतेश्वरी की आराधना कर श्रध्दालुओं से मिले अमित शाह
जगदलपुर पहुंचते ही केंद्रीय मंत्री अमित शाह सीधे राजमहल स्थित मां दंतेश्वरी मंदिर पहुंचे। वहां उन्होंने मां दंतेश्वरी की पूजा आराधना की। इस दौरान उन्होंने मंदिर प्रांगण के किनारे खड़े लोगों को अपने करीब बुलाया और उनसे आत्मीय मुलाकात की। यह दृश्य बस्तर में पहली बार देखने को मिला, क्योंकि यहां नक्सलवाद के चलते हमेशा से सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी रहती है। गृह मंत्री अमित शाह ने इस परंपरा को तोड़ते हुए जनता से सीधे संवाद कर एक बड़ा संदेश दिया कि अब बस्तर में भय नहीं, विश्वास है। मुलाकात के दौरान श्रद्धालुओं ने मुंडा बजा, जो माई दंतेश्वरी का पारंपरिक भजन है, गाकर गृह मंत्री का स्वागत किया।
जगदलपुर पहुंचने पर गृह मंत्री अमित शाह का आत्मीत स्वागत
इससे पहले जगदलपुर पहुँचने पर मां दंतेश्वरी हवाई अड्डे पर अमित शाह का मंत्री, सांसद, विधायक, अन्य जनप्रतिनिधि और वरिष्ठ अधिकारियों ने केंद्रीय गृहमंत्री का आत्मीय स्वागत किया गया। केंद्रीय गृहमंत्री के साथ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा भी पहुंचे हैं।

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