जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 4 के लिए सशक्त दावेदार के रूप में प्रचार में जुटी है कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी बबीता संजय चौधरी

जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 4 के लिए सशक्त दावेदार के रूप में प्रचार में जुटी है कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी बबीता संजय चौधरी

1998 के दौर में रह चुकी है निर्विरोध गांव की सरपंच, गांव के विकास और जन सेवा के बलबूते बनी है पति-पत्नी दोनों की पहचान

गुरुर। गुरुर ब्लॉक में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव जल्द होने जा रहा है । इसके तहत जहां पंच, सरपंच ,जनपद सदस्य को लेकर प्रचार प्रसार का सिलसिला तेज हो चुका है, तो  जिला पंचायत क्षेत्र के चुनाव में भी लोग एड़ी चोटी एक कर रहे हैं । इस क्रम में जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 4 से कांग्रेस की अधिकृत प्रत्याशी अरकार की रहने वाली बबीता संजय चौधरी भी अपना भाग्य आजमा रही है। अपने समाज सेवा, कृषि सहित विभिन्न क्षेत्रों में किए गए अनुकरणीय कार्यों के बदौलत पहचान बनाने वाली प्रत्याशी  बबीता चौधरी और उनके पति वरिष्ठ कांग्रेस नेता संजय प्रकाश चौधरी की उनके पूरे क्षेत्र में विशेष पकड़ है। जिसके कारण कांग्रेस द्वारा उन्हें टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा गया है। 1998 के दौर में अविभाजित दुर्ग जिले में सबसे कम उम्र की सरपंच, वह भी निर्विरोध रह चुकी बबीता संजय चौधरी अब जिला पंचायत का चुनाव लड़कर जन सेवा के इरादे से मैदान में है। राजनीतिक सूत्रों की माने तो लगातार वह अपने संबंधित गांव में लोगों के बीच जाकर जनसंपर्क कर रही है। लोगों से आशीर्वाद मांग रही है ताकि सिर्फ अरकार ही नहीं बल्कि आसपास के जिला पंचायत क्षेत्र में जितने भी गांव आते हैं उनका विशेष तौर पर उद्धार करते हुए विकास कार्य कर सके  उन्हें दो पत्ती छाप चुनाव चिन्ह मिला हुआ है। पति और पत्नी दोनों ही जमकर चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं। उनके समर्थन में गांव-गांव में रैलियां निकाली जा रही है।

14 बिंदुओं पर गांव के विकास को बढ़ावा देने का कर रही वादा, मांग रही लोगों से मत का दान
बबीता संजय चौधरी चुनाव मैदान में उतरने के साथ लोगों के बीच 14 विभिन्न बिंदुओं को लेकर जन सेवा का वादा कर रही है और इसी के साथ में लोगों से अपने मत का दान मांग रही है। उन बिंदुओं की बात करें तो उन्होंने आश्वस्त किया है कि महिला समूहों के उत्थान, सामाजिक पेंशन, विधवा परित्यक्ता, वृद्धा पेंशन, हितग्राही को योजनाओ का लाभ दिलाने,जल जीवन मिशन के तहत नल जल योजना का क्षेत्र में बेहतर क्रियान्वयन, शिक्षा, स्वास्थ्य, और रोजगार के बेहतर अवसर का संकल्प, प्रतियोगी परीक्षाओ में तैयारी करने वालें क्षेत्र के युवाओं को बेहतर सुविधायें मार्गदर्शन ताकि युवाओ को डॉक्टर, इंजिनियर और अच्छी सरकारी नौकरी के बेहतर अवसर मिल सकें, स्कूलों में खेल सामाग्री एवं लायब्रेरी की सुविधा,खेल मैदान, मुक्तिधाम, तालाबों का संरक्षण, संवर्धन एवं सौंदर्यीकरण,बिजली, पानी, साफ-सफाई की बेहतर व्यवस्था,किसान मजदूर, युवा महिलाओ का हक सुनिश्चित करने, सोसायटी में पर्याप्त खाद, बीज, की व्यवस्था हो, धान खरीदी में टोकन, बारदाना, तौलाई से लेकर भुगतान की समुचित व्यवस्था, उच्च गुणवत्तायुक्त शिक्षा के साथ क्षेत्र के युवाओ के कौशल विकास की समुचित व्यवस्था, उद्योगो में स्थानीय युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान करने, सरकारी अस्पतालों मे बेहतर जाँच, ईलाज एवं दवा की समुचित व्यवस्था, सरकारी योजनाओ में सभी पात्र हितग्राहियों को उनका हक दिलाने, अन्याय और भेदभाव के खिलाफ आपके अधिकारों के लिए आपके जायज हितों के संरक्षण में सदैव आपका साथी बनने की बात कही है। जनता उनके वादों को देख कह रही बदलाव के संघर्ष जारी है, अब जिला पंचायत में बबीता चौधरी (साहू) की बारी है। बबीता ने जनता से कहा है कि आपके सुझाव और आवश्यकता के अनुरूप मैं अपनी योग्यता ज्ञान और अनुभव का उपयोग क्षेत्र का चौमुखी विकास में करूंगी। आपके स्नेह, आशीर्वाद और समर्थन के आकांक्षी के साथ मैं बबीता चौधरी (साहू) बालोद जिला पंचायत क्षेत्र क्र. 04 के सदस्य पद पर दो पत्ती छाप में मुहर लगाकर भारी मतों से विजयी बनाने की आप से अपील करती हूं।

आज से नहीं बरसों से कर रहे हैं गांव का विकास ,दान में भी आगे
1998 के दौर में गांव में सबसे कम उम्र की निर्विरोध सरपंच रह चुकी बबीता संजय चौधरी के बारे में स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि वह आज से नहीं बल्कि वर्षों से गांव के उद्धार और विकास को लेकर कार्य कर रहे हैं। तो वहीं कृषि के क्षेत्र में उनके पति की विशेष पहचान है ।जैविक खेती को पूरे जिले में बढ़ावा देने को लेकर उनके पति को सात राष्ट्रीय अवार्ड तक मिल चुके हैं. ग्रामीणों ने बताया कि गांव में एक ऐसा भी रास्ता होता था जहां तक कोई गाड़ी नहीं जा पाती थी ऐसे धरसा रोड का भी उन्होंने उद्धार कराया। एम ए इतिहास तक शिक्षित और योग में डिप्लोमा करने वाली बबीता चौधरी क्षेत्र क्रमांक 4 में जिला पंचायत सदस्य के लिए योग्य प्रत्याशी के तौर पर चर्चा में है तो ही मतदाताओं के बीच उनके प्रचार को देखते हुए रुझान भी बना हुआ है। उनके प्रयास से जैविक खेती के तहत साथ ही नर नारी धान  की किस्म विकसित करने को लेकर भी किसानों के बीच उनके योगदान को सभी जानते हैं। 

शिक्षा के लिए किए थे अपनी निजी जमीन को भी सरकार के नाम पर दान

बबीता और उनके परिवार ने गांव में हाई स्कूल खुलवाने के लिए और बच्चों के हित को देखते हुए अपनी निजी जमीन तक को भी शिक्षा विभाग को दान किया था। जिसके बाद गांव में स्कूल खुल पाया। 1964 में 
हाई स्कूल का निर्माण कराकर क्षेत्र को शिक्षित बनाने में अहम योगदान दिया। उस दौर में एक नियम होता था कि अगर गांव में कम से कम 15 एकड़ सरकारी जमीन है तो उसे शिक्षा विभाग को हस्तांतरित करके गांव में हाई स्कूल खुलवाया जाता था। इस पहल पर चौधरी परिवार ने अपनी निजी जमीन तक दान कर गांव में स्कूल खुलवाया है। इसी तरह समाज में सद्भावना ,भाईचारा आपसी समन्वय बढ़ाने के लिए ग्राम अरकार में खुद का 20 एकड़ ज़मीन दान कर कबीर आश्रम का निर्माण करवाया। जिसमें आज भी प्रति वर्ष जनहित में सत्संग ,सामाजिक कार्यक्रम जैसे  विविध आयोजन होता रहता है। दिपावली को खास बनाने व गांव के लोगों को एक सुत्र में बांधने के लिए संजय बबीता चौधरी द्वारा स्वयं की ज़मीन पर गौरी गौरा चौरा निर्माण उनकी धार्मिकता को दर्शाता है। इन्हीं बहुप्रतिभा के चलते सन् 1999में गांव के भारी प्रबल समर्थन से बबीता चौधरी को निर्विरोध सरपंच चुना गया था। बबीता चौधरी का कार्यकाल विकास काल के रूप में जाना जाता है। अगर संजय प्रकाश चौधरी की बात करें  तो ,श्री चौधरी ने सामाजिक ,धार्मिक,राजनैतिक  तथा कृषि के क्षेत्र में दूरगामी परिणामों को लेकर बड़ा योगदान रहा है। खास कर देशी बीजों का संरक्षण एवं संवर्धन किसानों को समृद्ध बनाने व उनकी आर्थिक उन्नति के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो रहा है। संजय प्रकाश चौधरी विभिन्न क्षेत्रों के किसानों की खेतों में जा जाकर कम लागत में अधिक मुनाफ़ा का मंत्र देने के काम करना व सही गाइडलाईन देना मानों इनका प्रथम धर्म बन चुका है। यही कारण है कि इनके खुद का अनाज,फल,सब्जी, दूध, घी काफी गुणवत्ता एवं पोषण से भरपूर होने की वजह से दूर दूर तक मांग भी बढ़ी और अच्छा दाम भी मिलने लगा है। श्री चौधरी  ने सन् 1996से ही इसकी शुरुआत कर लिया था। खास गुणवत्तायुक्त खाद्यान के कारण सन् 2005 में छग सरकार ने कृषि का सर्वोच्च अलंकरण  डॉक्टर खूबचंद बघेल सम्मान अवार्ड से सम्मानित किया गया। इसी तरह राज्यस्तरीय 21 बार पुरस्कृत और राष्ट्रीय स्तर पर 7 अवार्ड से सम्मानित किया गया है। इन्हीं तमाम कारणों से  क्षेत्र का नाम राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पहुंच पाया है। जन समस्याओं को ध्यान से सुनना व समाधान तक सहयोग करना सामाजिक, सांस्कृतिक, पर्यावरण संरक्षण तथा संवर्धन,जल संरक्षण जैसे अनेक कार्य के लिए दृढ़ संकल्पना के लिए सब कुछ दाव में लगाने को तत्पर चौधरी परिवार की गाथा चंद शब्दों कह पाना संभव ही नही है।  2023 से अब तक वे जिला कांग्रेस कमेटी बालोद के महामंत्री पद पर भी हैं। वही परिवारिक पृष्ठभूमि में शुरू से कांग्रेसी हैं। बीकॉम स्नातक की पढ़ाई करने वाले 56 वर्षीय संजय प्रकाश चौधरी 2009 में जनपद पंचायत में भी चुनाव जीते थे। नेता प्रतिपक्ष जनपद पंचायत की भूमिका में भी रहे और अन्य प्रत्याशी की जमानत जब्त हो गई थी। उनकी पत्नी बबीता चौधरी भी गांव में निर्विरोध सरपंच रह चुकी। वही संगठन के पदों में 2009 से 2013 तक ब्लॉक उपाध्यक्ष, 2018 से 2020 तक जिला उपाध्यक्ष रहे हैं। सामाजिक गतिविधियों की बात करें तो 2003 से अब तक जिला साहू संघ बालोद में विभिन्न सामाजिक जागरूकता फैला रहे हैं। जैविक खेती में राज्य एवं राष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त कर चुके हैं। राज्य स्तरीय स्वावलंबी खेती के लिए भी जन जागरण का अभियान निरंतर चला रहे हैं। रामायण मंडली के भी अध्यक्ष हैं।