छठ पूजा की होड़ में रेलवे की मुस्तैद तैयारी: 3,000 रिजर्व ट्रेनें और 80+ वॉर रूम से भीड़ पर काबू
नई दिल्ली। दिवाली की चमक बसर होते ही छठ पूजा के लिए घर लौटने वालों की भारी भीड़ बसों और ट्रेनों में उमड़ पड़ी है। बिहार और पूर्वी भारत के रास्ते पर यात्रियों की संख्या चरम पर पहुंच गई है। अगर आप भी छठ महोत्सव मनाने को घर की ओर रवाना होने की सोच रहे हैं, तो भारतीय रेलवे के विशेष इंतजामों पर नजर डाल लीजिए, ये आपकी यात्रा को सुगम बनाने के लिए खासतौर पर तैयार किए गए हैं।
स्टेशनों पर उमड़ते जनसैलाब से निपटने के लिए रेलवे ने तीनों स्तरों—डिवीजन, जोनल और बोर्ड—पर वॉर रूम स्थापित किए हैं। ये रीयल-टाइम में स्टेशनों की भीड़ का आकलन कर त्वरित फैसले ले रहे हैं। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मीडिया से बातचीत में बताया कि इस सीजन में 10,700 ट्रेनें चला ली गई हैं, जिनकी समय-सारिणी IRCTC के जरिए पहले ही जारी कर दी गई है। ऊपर से 3,000 रिजर्व ट्रेनें स्टैंडबाय मोड में हैं, ताकि अचानक भीड़ बढ़ने पर सप्लाई तुरंत बढ़ाई जा सके।
मंत्री ने उदाहरण देकर समझाया कि 18 अक्टूबर को सूरत के उधना रेलवे स्टेशन पर भारी भीड़ जमा हो गई थी। वॉर रूम ने फौरन आसपास के स्टेशनों से रिजर्व ट्रेनें बुला लीं और समस्या का समाधान कर दिया। ठीक वैसी ही स्थिति अंबाला में पैदा हुई, तो जलंधर और आसपास से अतिरिक्त ट्रेनों की व्यवस्था कर स्टेशन की भीड़ को तुरंत कम किया गया।
इसके अलावा, बिहार के लिए गंतव्यों की संख्या को दोगुना से ज्यादा बढ़ाकर 18 कर दिया गया है—पिछले साल यह महज 7 था। रेल भवन में बने मुख्य वॉर रूम ने पूरे नेटवर्क पर नजर रखी है। यह कमांड सेंटर रीयल-टाइम निगरानी के साथ यात्रियों की शिकायतों, भीड़भाड़ और संभावित घटनाओं का तत्काल निपटारा करता है। कुल मिलाकर, रेलवे बोर्ड, जोनल और डिवीजन स्तर पर 80 से अधिक वॉर रूम सक्रिय हैं, जो त्योहारी भीड़ को संभालने की मजबूत कवच साबित हो रहे हैं।
यात्रियों से अपील है कि IRCTC ऐप से टिकट बुकिंग और अपडेट चेक करें। इस बार छठ की यात्रा बिना झंझट के हो, यही रेलवे की कोशिश है।

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