विज्ञापन जगत के महानायक पीयूष पांडे का 70 वर्ष की आयु में निधन, देश भर में शोक की लहर
नई दिल्ली। भारतीय विज्ञापन उद्योग के एक युग का अंत हो गया। मशहूर विज्ञापन फिल्ममेकर पीयूष पांडे का गुरुवार को 70 वर्ष की आयु में निधन हो गया। एक महीने से कोमा में होने के बाद संक्रमण से जूझ रहे पांडे ने अंतिम सांस ली, जिससे पूरे मनोरंजन और विज्ञापन क्षेत्र में सन्नाटा छा गया।
ओगिल्वी एंड माथर के पूर्व चीफ क्रिएटिव ऑफिसर पांडे ने कैडबरी के 'डांसिंग गर्ल', एशियन पेंट्स के रंगीन अभियानों, हच के 'डैडी कहां जा रहे हो' और फेविकॉल के अमर विज्ञापनों से भारतीय विज्ञापन को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई। उनका जादू न सिर्फ ब्रांड्स को जीवंत बनाता था, बल्कि दर्शकों के दिलों में बस जाता था। राजनीतिक मंच पर भी उनका योगदान अविस्मरणीय रहा—2014 के लोकसभा चुनाव में लिखा गया नारा 'अबकी बार, मोदी सरकार' देश की राजनीतिक इतिहास का अभिन्न हिस्सा बन गया।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर शोक व्यक्त किया, "पीयूष पांडे सर ने विज्ञापन को कला का रूप दिया। उनकी कमी हमेशा खलेगी।" अभिनेत्री ईला अरुण (उनकी बहन) और केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण बोर्ड के पूर्व चेयरमैन प्रसून पांडे (उनके भाई) सहित बॉलीवुड के दिग्गज जैसे आमिर खान, शाहरुख खान और विज्ञापन गुरु राम माधवानी ने उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी।
Truly at a loss for words to express my sadness at the demise of Padma Shri Piyush Pandey.
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) October 24, 2025
A phenomenon in the world of advertising, his creative genius redefined storytelling, giving us unforgettable and timeless narratives.
To me, he was a friend whose brilliance shone… pic.twitter.com/t6ZDSViCrS
चार दशकों से अधिक समय तक उद्योग को नई दिशा देने वाले पांडे की विरासत लाखों युवा क्रिएटिव्स के लिए प्रेरणा बनेगी। उनका निधन न केवल एक व्यक्ति का जाना, बल्कि एक दौर का अंत है।

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