नक्सलियों ने पूर्व सरपंच को उतारा मौत के घाट
भैरमगढ़ से भूषण सेठिया की रिपोर्ट
बीजापुर। बीजापुर में माओवादियों ने भैरमगढ़ इलाके में वारदात को अंजाम दिया है। यहां नक्सलियों ने कुछ ही दिनों पहले एक ग्रामीण की हत्या कर दी थी। हाल ही मे 2 तारीख को एक घटना घटी है। बिरियाभूमी के पूर्व सरपंच रहे सुकलू फरसा और उसकी पत्नी ने अपने भतीजी का देहांत होने के चलते वो भैरमगढ़ से बिरियाभूमी दफनाने के लिए गए हुए थे। उसी दरमियान कुछ लोगों ने चहेरा बांध कर आपस आते वक्त बीच रास्ते में रोककर अपने साथ कुछ दूर ले गए। उनकी पत्नी शिला फरसा को यही रहने को कहा गया। परंतु घंटों बिता गया नहीं आए तो उन्होंने गांव में जाकर सभी लोगों को बताया फिर गांव के सभी लोगों द्वारा पुरी जंगल में तलाशा गया। परंतु फरसा का कोई सुराग नहीं मिला।तो उन्होंने कल शाम को भैरमगढ़ थाना पहुंचकर अज्ञात लोगों द्वारा किडनैप का एफआईआर दर्ज कराई। परंतु आज सुबह पता चला कि सुकलू फरसा की माओवादियों ने हत्या कर दिया है। आपको बता दें कि सुकलू फरसा हमेशा हर सप्ताह अपने गांव बिरियाभूमी की ओर आना जाना करते रहते थे। फिर भी अब माओवादियों ने उन्हें बीजेपी कार्यकर्ताओं का करार देते हुए उनको मौत की सजा दी है। आखिर कब तक निर्दोष ग्रामीणों की हत्या होती रहेगी। सुकलू फरसा के बड़े भाई को भी नक्सलियों ने ही हत्या कर दी थी।
सुकलू फरसा के दो सगे भतीजे निर्दोष होकर भी काट सजा
बिरियाभूमी निवासी सुकलू फरसा की आखिर गलती की क्या थी। सुकलू ने सबसे पहले अपने बड़े भाई को माओवादियों ने मौत के घाट उतारा। फिर दो सगे भतीजे को पुलिस ने माओवादी कररार देते हुए जेल में बंद करवाया उसकी जमानत के लिए दर-दर भटकते रहे सुकलू। फिर गांव की परेशानियां होने पर जान जोखिम में डालकर गांव की समस्या सुलझाने पहुंचते। फिर भी माओवादियों ने बीजेपी कार्यकर्ताओं बताकर उतारा मौत के घाट।
एक बेटी का दर्द नहीं समझ पा रहे माओवादी नेता
8 वर्षीय यामिनी फरसा ने अपने पापा की किडनैप की खबर सुनकर रोते हुए किडनैप लोगों से उनके पापा निर्दोष है, उन्हें छोड़ने की अपील करती रही पर उन्हें जिंदा छोड़ने के बदले में मौत शरीर मिला।
बस्तर में इस साल नक्सलियों ने कुल 70 से अधिक लोगों की हत्या की है। यह आंकड़ा बस्तर संभाग के सात जिलों का है। इस बार नक्सलियों ने 25 साल के एक युवक को अपना निशाना बनाया है। बस्तर में तैनात पुलिसकर्मियों के लिए यह चिंता की बात है। यहां नक्सलियों ने इस साल कुल 70 से अधिक लोगों की हत्या कर दी है।
बीजापुर के डालेर, बिरियाभूमी में अगर पुलिस कैंप बैठाती है तो यह भैरमगढ़ इलाका पुरी तरह से नक्सली समस्या कुछ दूर पिछे हट सकती है। एक तरफ केंद्र - राज्य में डबल इंजन की सरकार होने के वावजूद भी भैरमगढ़ थाना क्षेत्र के डालेर, बिरियाभूमी, कैंप तक बिठा नहीं पाते नजर आ रही है। हालांकि इसी क्षेत्रों से सबसे ज्यादा ग्रामीणों की नक्सलियों ने मौत के घाट उतार रहे हैं।