भारतमाला घोटाले में एसडीएम के बाद अब तहसीलदार भी सस्पेंड, अब तक बांटा गया 246 करोड़ का मुआवजा
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रायपुर (चैनल इंडिया)। प्रदेश में भारत माला प्रोजेक्ट के तहत रायपुर-विशाखापट्टनम तक बन रहे इकोनॉमिक कॉरिडोर में जमीन अधिग्रहण के बाद मुआवजा में फर्जीवाड़ा करने वाले अधिकारियों पर राज्य शासन ने जांच रिपोर्ट आने के आठ माह बाद एक्शन प्रारंभ कर दिया है। मामले में तत्कालीन एसडीएम निर्भय साहू के बाद अब तत्कालीन तहसीलदार शशिकांत कुरें को भी निलंबित कर दिया गया। बताया गया है कि मुआवजा बांटने के नाम पर अधिकारियों ने पैसों की बंदरबाट की। कई जमीनों का खसरा बदल दिया गया। कुछ जगहों पर पूर्व खसरे पर राशि का भुगतान कर दिया गया। अफसरों ने दस्तावेजों में हेर-फेर कर भू-माफिया की मदद से करोड़ों रुपए की अफरातफरी की थी अभनपुर के ग्राम नायकबांधा और उरला में भू-माफिया ग्राम नायकबांधा और उरला में भू-माफिया ने राजस्व अधिकारियों के साथ मिलकर जमीन को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर 159 खसरा बांट दिया। इसमें मुआवजा के लिए 80 नए नाम रिकॉर्ड में चढ़ा दिए गए। इससे मुआवजा राशि 29.5 करोड़ से बढक़र 78 करोड़ पहुंच गई।
अभनपुर के ग्राम नायकबांधा और उरला में भू-माफिया ने राजस्व अधिकारियों के साथ मिलकर जमीन को छोटे टुकड़ों में काटकर 159 खसरे में बांट दिया। मुआवजा के लिए 80 नए नाम रिकॉर्ड में चढ़ा दिया गया। जिससे 559 मीटर जमीन की कीमत करीब 29.5 करोड़ से बढक़र 78 करोड़ रुपए पहुंच गई। अभनपुर में 9.38 किलोमीटर के लिए 324 करोड़ मुआवजा राशि निर्धारित की गई। इसमें से 246 करोड़ रुपए मुआवजा दिया जा चुका है। वहीं 78 करोड़ रुपए का भुगतान अभी रोक दिया गया है।
भारतमाला प्रोजेक्ट रायपुर में 48.73 किलोमीटर होगी
भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत मुंबई-कोलकाता इकोनामिक कारीडोर सडक़ पर दुर्ग-रायपुर बाइपास का निर्माण किया जाना है। चार और छह लेन की यह सडक़ छत्तीसगढ़ में कुल 92.230 किमी लंबाई की होगी। यह सडक़ राजनांदगांव जिले के टेडेसरा गांव से शुरू होकर रायपुर जिले के पारागांव में समाप्त होगी। रायपुर जिले में सडक़ की कुल लंबाई 48.73 किमी होगी। सडक़ में अभनपुर अनुभाग के 17 और आरंग संभाग के दो गांव की भूमि का अर्जन किया गया है।