बुजुर्ग, बीमार पति से गुजारा भत्ता नहीं मांग सकती पत्नी : मद्रास हाईकोर्ट
Madras High Court
चेन्नई। मद्रास हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि अगर पति वृद्ध, बीमार और आर्थिक रूप से दूसरों पर निर्भर है, तो पत्नी उनसे गुजारा भत्ता नहीं मांग सकती। मदुरै बेंच की जस्टिस एल विक्टोरिया गौरी ने निचली अदालत के आदेश को रद्द करते हुए यह फैसला सुनाया।
मामले की जानकारी: एक महिला मेनका और उनकी दो बेटियों ने अपने अलगाव के बाद पति मुरुगन (65 वर्षीय) से प्रति माह 30,000 रुपये गुजारा भत्ता मांगा था। मुरुगन लकवाग्रस्त हैं, बिस्तर पर हैं और केवल 5,000-10,000 रुपये की पेंशन पर निर्भर हैं। कोर्ट ने कहा कि गुजारा भत्ता का मकसद वंचना रोकना है, न कि सजा देना। पत्नी को परिवार से सहायता मिल रही है, इसलिए पति पर अतिरिक्त बोझ नहीं डाला जा सकता।
कोर्ट का तर्क: फैसले में वरिष्ठ नागरिक कल्याण अधिनियम 2007 का हवाला देते हुए कहा गया कि ऐसे पतियों के अधिकारों की रक्षा होनी चाहिए। यह सुप्रीम कोर्ट के चतुर्भुज बनाम सीता बाई (2008) केस पर आधारित है। यह फैसला वैवाहिक विवादों में आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखने की याद दिलाता है।

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