गौतम अडानी पर एफआईआर अमेरिका में,नींद उड़ी प्रदेश के आईएएस अफसरों की
तत्कालीन कांग्रेस सरकार में पदस्थ आधा दर्जन अफसरों ने मंगाई एफआईआर की कॉपी
बड़े-बड़े विधि विशेषज्ञों से ले रहे हैं सलाह
रायपुर (चैनल इंडिया)। सोलर एनर्जी के प्रोजेक्ट लेने के लिए भारत में 21 अरब रुपए की घूस देने के मामले में अमेरिका में उद्योगपति गौतम अडानी के खिलाफ अपराध पंजीबध्द करके उनके खिलाफ गिरफ्तारी वांरट जारी होने के बाद छत्तीसगढ़ के कम से कम आधा दर्जन आईएएस अफसरों की नीद उड़ गई है। एफआईआर में देश के जिन चार राज्यों के अफसरों को घूस देने का जिक्र किया गया है, उसमें छत्तीसगढ़ भी है। लिहाजा तत्कालीन कांग्रेस सरकार के वक्त ऊर्जा विभाग में काम करने वाले अफसरों की जान सांसत में है।
गौतम अडानी के खिलाफ अमेरिका के न्यायालय में अपराध दर्ज और गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। सोलर एनर्जी के नाम से अमेरिका की एक कंपनी से उन्होंने समझौता किया गया और वहां के कई नामी-गिनामी लोगों से लगभग 25000 करोड़ रुपए से अधिक की राशि उन्होंने सोलर एनर्जी के प्रोजेक्ट के नाम से वसूल किए गए। साथ ही देश में इस प्रोजेक्ट को लागू करने के लिए अडानी ने कई राज्य सरकारों से संपर्क भी किया लेकिन सफल नहीं हो पाए। उसके बाद उन्होंने लगभग 21 अरब रुपए से अधिक की राशि घूस के रूप में छत्तीसगढ़ समेत चार राज्यों की सरकारों को दिया। यह मामला अमेरिका न्यायालय में लगातार चलता रहा। अब अमेरिका न्यायालय ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।
गौतम अडानी के खिलाफ दर्ज एफआईआर में छत्तीसगढ़ का जिक्र आते ही यहां के कम से कम आधा दर्जन आईएएस अफसरों तथा बिजली विभाग के अफसरों की नींद उड़ चुकी है। जिस वक्त का यह मामला बताया जा रहा है, उस वक्त इस विभाग का काम देखने वाले अफसरों की जान सांसत में है। उस वक्त महानदी भवन से लेकर ऊर्जा विभाग में काम करने वाले अफसर पुरानी फाइलों को खंगाल रहे हैं। उन फाइलों में अपनी भूमिका तलाश रहे हैं। चूंकि यह नीतिगत मामला था लिहाजा राडार पर बड़े अफसरों के ही शामिल होने की आशंका है।
बहरहाल कुछ अफसरों ने अपने सम्पर्कों का इस्तेमाल करके अमेरिका में दर्ज एफआईआर की प्रतिलिपि हासिल कर ली है तथा उसका अध्ययन कर रहे हैं। कुछ अफसरों ने विधि विशेषज्ञों से सलाह-मशविरा के लिए दिल्ली की दौड़ लगाना भी शुरू कर दिया है। चूंकि प्रकरण अमेरिका के कानून के आधार पर दर्ज किया गया है अत: विधि विशेषज्ञ भी उसका अध्ययन कर रहे हैं। वे कुछ बता पाने की स्थिति में नहीं हैं, जिसके कारण अफसरों की सांसें फूलने लगी हैं।
इस मामले की जांच अब सेबी ने भी करने का ऐलान कर लिया है। जांच शुरू हुई तो उसकी जद में निश्चित रूप से छत्तीसगढ़ के कई अफसर आएंगे। उनके जवाब के आधार पर ही अमेरिका की अदालत में अडानी समूह का जवाब पेश किया जाएगा। हालांकि इस मामले को लेकर भाजपा और कांग्रेस आमने- सामने हैं परंतु अफसर खुद को बचाने की जुगत में लग गए हैं।