"अमेरिका तै टैरिफ बढा, हम मेहनत बढाबो" : अनुभव तिवारी, खोखऱा (जांजगीर-चाम्पा)

"अमेरिका तै टैरिफ बढा, हम मेहनत बढाबो" : अनुभव तिवारी, खोखऱा (जांजगीर-चाम्पा)

जांजगीर-चाम्पा से राजेश राठौर की रिपोर्ट 
जांजगीर-चाम्पा। आज दुनिया भर मं टैरिफ के संकट बाढ़त हावय। अमेरिका ह अपन नफा बर भारत ला दबाव मं डारत हवय। फेर भारत ह अब वो बेरा मं नई हवे, जेन मं दूसर देश के भरोसा मं रहि। अब हमर अपन ताकत अउ अपन संसाधन के भरोसा मं जीये के बेरा आय। संगी हो मनखे के पसीना आउ बाहिर के इसने पाउडर केसचमक दमक म हर पइत जीत पसीना के होथे ए सो टैरिफ के आर्थिक जुध्द म तको जीत भारत के पसीना के ही होही भारत के मनखे जल जंगल आउ जमीन म राज करने वाला मनखे आए हमन ल तै लडे बर तोप गोला नइ देबे तभो हमन तीर कमान बनाके जुध्द लडे आउ जीते जानथऩ जुन्ना बेरा म हमर छत्तीसगढ़ीया मनखे धीरज के बाना थामे बडका बडका जुध्द म बैरी मन ल पानी पिला देत रहीन 

छत्तीसगढ़िया किसान धान उपजाथें, मजदूर मन लोहा-कोयला निकालथें, अउ माई-बहिनी मन महुआ, कोसा, तीर-बाना जइसने अपन परंपरागत काम मं योगदान देवथें। ए सब्बो ह भारत बर सबसे बड़े ताकत आय।

 आना, हमन दूसर के भरोसा मं नई रहिबो।
 , हमन स्वदेशी अपनाहु  अउ अपन उत्पादन मं दम देखाहु 
, अमेरिका के टैरिफ नई, भारत के मेहनत जीती।

भारत बर आत्मनिर्भर बने के सपना सिरिफ नारा नई, ए तो हमर जिम्मेदारी आय। जब भारत अपन उद्योग, खेती किसानी अउ हस्तशिल्प मं आत्मनिर्भर होही, तब दुनिया भर मं भारत के डंका बाजही।

???? जेन दिन भारत ह अपन उत्पादन मं आत्मनिर्भर होही, हाना, वो दिन अमेरिका ह भारत ले घबराही।

एही से हमर छत्तीसगढ़ी हाना के मया भरे बात आय —
???? स्वदेशी अपनावव, आत्मनिर्भर बनवव।
???? हमर संसाधन, हमर मेहनत – हमर सबसे बड़े ताकत आय।