नियद नेल्लनार: बस्तर हिंसा प्रभावित गांवों में विकास और नागरिक सशक्तिकरण की पहल

नियद नेल्लनार: बस्तर हिंसा प्रभावित गांवों में विकास और नागरिक सशक्तिकरण की पहल
रायपुर (चैनल इंडिया)। दशकों तक हिंसा, दरार और कटे हुए रास्तों का प्रतीक रहा बस्तर राज्य के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में आज धीरे-धीरे विकास की उन राहों पर लौट रहा है, जहाँ सडक़ों, विद्यालयों, चिकित्सा सुविधाओं और रोजग़ार के अवसर खुल के सामने आ रहे हैं. इस आमूलचूल परिवर्तन के लिए साय सरकार की ‘नियद नेल्लानार योजना’ को श्रेय दिया जा सकता है.
नियद नेल्लानार नाम स्थानीय दंडकारी भाषा, डैंडमी बोली से लिया गया है और इसका मतलब मोटे तौर पर होता है आपका अच्छा गाँव। यह योजना उन गाँवों को लक्षित करती है जो हिंसा और असुरक्षा की वजह से लंबे समय तक विकास से कटे रहे। नियद नेल्लानार का उद्देश्य इन समस्याओं को उसके जड़ों से दूर कर गाँवों को स्थिरता, सेवाएँ और अवसर देना है। 
योजना के क्रियान्वयन में सीएम की भूमिका और दृष्टि
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कई बार दोहराया है कि बस्तर का विकास केवल सडक़ और बिल्डिंग का निर्माण नहीं है — यह लोगों के जीवन स्तर, सम्मान और अवसर लौटाने की लड़ाई है। मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक मंचों और लेखों में नीतियों का तर्क बताते हुए कहा है कि शांति और विकास एक-दूसरे के पूरक हैं। सुरक्षा व्यवस्था और विकासात्मक पहलों के संयोजन से ही स्थायी परिवर्तन संभव है। 
रजत जयंती वर्ष को सार्थक कर रही है नियद नेल्लानार योजना
छत्तीसगढ़ का रजत जयंती वर्ष समारोह केवल उत्सव नहीं बल्कि यह राज्य के लिए आत्मावलोकन का एक अवसर भी है, विकास के लक्ष्यों को निर्धारित करने और उपलब्धियों से उत्साही होने का पर्व है। नियद नेल्लानार जैसी योजनाएँ रजत जयंती के संदेश को जमीन पर लागू करती हैं। यानी कि ‘समावेशी विकास’, जहाँ आदिवासी, दूरदराज के गाँव और नक्सल प्रभावित क्षेत्र भी राज्य के विकास के लाभ का हिस्सा बनते हैं। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में नियद नेल्लानार योजना रजत जयंती वर्ष में विशेष महत्व रखती है क्योंकि यह बताती है कि राज्य के 25 सालों की यात्रा का अगला चरण ‘सभी के लिए विकास’ का है।