IIT मद्रास की क्रांतिकारी सफलता : हाइब्रिड रॉकेट से VTOL उड़ान को नई ऊंचाई!
IIT Madras
चेन्नई। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास के शोधकर्ताओं ने भारत की अगली पीढ़ी की उड़ान तकनीक में मील का पत्थर साबित होते हुए हाइब्रिड रॉकेट थ्रस्टर्स के साथ वर्टिकल टेक-ऑफ एंड लैंडिंग (VTOL) में बड़ी सफलता हासिल की है। 'हार्डवेयर-इन-द-लूप सिमुलेशन' (HILS) तकनीक से किए गए इस प्रयोग में वास्तविक थ्रस्टर को आभासी मॉडल से जोड़कर 'सॉफ्ट लैंडिंग' के लिए जरूरी वेग (1 मीटर/सेकंड से कम) प्राप्त किया गया।
एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर जोएल जॉर्ज के नेतृत्व वाली टीम ने बताया कि हाइब्रिड रॉकेट मोटर पारंपरिक द्रव इंजनों से कम जटिल, अधिक सुरक्षित और थ्रॉटलिंग (गति नियंत्रण) में सक्षम हैं। यह सफलता मानव रहित/मानवयुक्त VTOL विमानों, UAVs और ग्रह अन्वेषण मॉड्यूल्स के विकास के लिए क्रांतिकारी साबित होगी।
शोधकर्ताओं का कहना है, "यह लागत-प्रभावी और सुरक्षित परीक्षण का तरीका है, जो भारत की स्वदेशी VTOL और अंतरिक्ष लैंडिंग क्षमताओं को नई दिशा देगा।" विशेषज्ञों का मानना है कि यह उपलब्धि भविष्य की उड़ान प्रणालियों को गति प्रदान करेगी, वैश्विक स्तर पर भारत की तकनीकी पहचान मजबूत करेगी।

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