11 हेक्टेयर जमीन सिर्फ 2.75 लाख में खरीदी गई
जमीन हथियाने कर 2022 में कर दी डील
चार विस्थापितों की 127 एकड़ जमीन मिट्टी के मोल ले ली
बीजापुर (चैनल इंडिया)। सलवा जुडूम हिंसा के दौरान अपना घर-जमीन छोडक़र राहत शिविरों में जाने वाले लोगों के साथ बड़ी ठगी हुई है। ऐसा इसलिए क्योंकि जिस जमीन की कीमत आज करोड़ों में है उसे बेहद मामूली कीमत पर या कहें पानी के भाव में हथिया लिया गया। यह पूरा मामला एक षडयंत्र से जुड़ा मालूम होता है क्योंकि बगैर सिस्टम की सहभागिता के इतना बड़ा खेल नहीं हो सकता। मौजूदा समय में रायपुर के उद्योगपति परिवार के जमीन लिए जाने की चर्चा है।
कुछ ऐसे दस्तावेज सामने आए हैं जिससे यह साबित हो जाता है कि इस जमीन के 11 साल में एक नहीं दो खरीदार बने हैं। जमीन की रजिस्ट्री एक नहीं दो बार हुई है। पहली बार जगदलपुर मेन रोड के एक व्यवसायी के यहां कार्यरत संजय के नाम पर जमीन खरीदे जाने की चर्चा है। इतना ही नहीं इस कर्मचारी और उसकी पत्नी के नाम पर जमीन 2011 में खरीदी गई। उसके बाद उसी व्यक्ति ने रायपुर के उद्योगपति को जमीन ट्रांसफर की।
इस पूरे मामले में चल रही जांच के बीच दो प्रमुख नाम सामने आए हैं। पहली बार 2011 में जब जमीन की रजिस्ट्री हुई तब उसे संजय कुमार सरकार और कोनिका सरकार के नाम पर रजिस्टर्ड किया गया थ। उसके बाद मार्च 2022 में रायपुर के महेंद्र और मीनू गोयनका के नाम रजिस्ट्री की गई। इस जमीन पर पहला बड़ा खेल 2011 में ही खेला गया था। तब ही इस जमीन को कूटनीतिक तरीके से हथियाने का मामला अब सामने आया है। ग्रामीण लगातार कह रहे हैं कि उन्होंने अपनी जमीन किसी को नहीं बेची है।
भैरमगढ़ से 10 किमी दूर स्थित जमीन के सौदे में भैरमगढ़ के रसूखदार भी शामिल हैं। पहले सौदे में इनकी अहम भूमिका रही। उसके बाद रायपुर की पार्टी के साथ जगदलपुर के बड़े कारोबारी ने खुद सौदा किया। चूंकि सरकार खुद दुकान का कर्मचारी है। कुछ हजार की तनवाह वाले इस कर्मी की आड़ में सफेदपोशों ने यह हवाला खरीदी की है।
इस मामले में तहसीलदार सूर्यकांत घरत का कहना है कि राजस्व नामांतरण पंजी के अनुसार वर्ष 2011-12 में भूमि का नामांतरण कोनिका सरकार और संजय सरकार के नाम दर्ज हुआ है। जबकि वर्तमान में अभिलेखों में यह भूमि महेंद्र गोयनका और मीनू गोयनका के नाम प्रदर्शित हो रही है। नामांतरण की प्रक्रिया, दस्तावेजों की सत्यता और सभी संबंधित बिंदुओं की विस्तृत जांच की जा रही है।