आज है "विजय दिवस", जब भारतीय सेना के शौर्य की आगे पाकिस्तान ने टेके थे घुटने, पीएम ने शहीद जवानों को की श्रद्धांजलि अर्पित

आज है "विजय दिवस", जब भारतीय सेना के शौर्य की आगे पाकिस्तान ने टेके थे घुटने, पीएम ने शहीद जवानों को की श्रद्धांजलि अर्पित

नई दिल्ली। 16 दिसंबर यानि आज का दिन भारतवासियों के एक खास दिन है, इस दिन को हम विजय दिवस के रूप में मनाते है। दरअसल आज के ही दिन 1971 में, पाकिस्तान की सेना ने भारत की वीरता के आगे आत्मसमर्पण कर दिया, जिससे बांग्लादेश को आजादी मिली। युद्ध लगभग 13 दिन चला था। 16 दिसंबर 1971 की ऐतिहासिक जीत आज भी देशवासियों को जोश और उत्साह से भर देती है। देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1971 के युद्ध में शामिल हुए वीर जवानों के शौर्य और बलिदान को सलाम किया है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने X पर लिखा कि - "विजय दिवस पर मैं उन वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं जिन्होंने 1971 के युद्ध में अदम्य साहस का परिचय देते हुए भारत को विजय दिलाई। राष्ट्र हमारे वीरों के सर्वोच्च बलिदान को याद करता है और उनकी कहानियां हर भारतीय को प्रेरित करती हैं और राष्ट्रीय गौरव का स्रोत बनी रहेंगी।"


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विजय दिवस पर अपने पोस्ट में कहा, “आज विजय दिवस पर हम उन बहादुर सैनिकों के साहस और बलिदान का सम्मान करते हैं जिन्होंने 1971 में भारत की ऐतिहासिक जीत में योगदान दिया। उनके निस्वार्थ समर्पण और अटूट संकल्प ने हमारे देश की रक्षा की और हमें गौरव दिलाया।” यह दिन उनकी अद्भुत वीरता और अडिग भावना को श्रद्धांजलि देता है। उनका बलिदान हमेशा पीढ़ियों को प्रेरित करेगा और हमारे देश के इतिहास में गहराई से समाया रहेगा।


आज के दिन भारतीय सेना ने भी एक वीडियो शेयर किया, जिसमें उसकी जीत का चित्रण था, साथ ही एक मैसेज भी भेजा कि “विजय दिवस 1971 के युद्ध में भारतीय सशस्त्र बलों की निर्णायक जीत का प्रतीक है, एक ऐसी जीत जिसने भारत के सैन्य इतिहास को नया आकार दिया और एक नए राष्ट्र बांग्लादेश को जन्म दिया, जबकि पाकिस्तान के लोगों पर लगातार अत्याचार और क्रूरता को समाप्त किया।