रायपुर: तीन भाइयों को हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा
रायपुर। रायपुर के गुढ़ियारी थाना क्षेत्र में करीब 10 महीने पहले हुई एक दिल दहला देने वाली घटना में तीन सगे भाइयों ने एक युवक की लाठियों से पीट-पीटकर निर्मम हत्या कर दी थी। विशेष अदालत ने सोमवार को इस मामले में आरोप सिद्ध होने पर तीनों भाइयों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई, साथ ही प्रत्येक पर 2-2 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। जुर्माना न चुकाने पर दो-दो महीने की अतिरिक्त सजा का प्रावधान भी किया गया है।
यह वारदात गुढ़ियारी थाना के कुकरी तालाब इलाके से जुड़ी है। 13 अक्टूबर को रायपुर की एससी-एसटी (पीए) एक्ट विशेष अदालत में जज पंकज कुमार सिन्हा के समक्ष सुनवाई पूरी हुई। अतिरिक्त लोक अभियोजक पूजा मोहिते ने अदालत को बताया कि मृतक सत्यनारायण उर्फ सत्तू का डहरिया परिवार से मामूली बात पर झगड़ा हो गया था। 28 दिसंबर 2024 की शाम लगभग 7 बजे सत्तू राजनांदगांव से लौटकर घर पर आराम कर रहा था। तभी उसे गाली-गलौज की आवाज सुनाई दी, जिस पर वह बाहर निकला। वहां आरोपी भाइयों—योगेश उर्फ गब्बू डहरिया, संजय डहरिया और घासीराम डहरिया—से उसकी बहस मारपीट में बदल गई।
आरोपी संजय ने सत्तू के सिर पर लाठी से कई वार किए, जिससे वह बेहोश होकर गिर पड़ा। भाइयों ने उसे उसके घर के दरवाजे पर पटक दिया। घटना करीब 8 बजे हुई, और स्थानीय लोगों ने घायल सत्तू को अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। अभियोजक के अनुसार, यह पूरी वारदात इसलिए भड़की क्योंकि डहरिया परिवार के बच्चे घर लौटकर बोले कि सत्तू उन्हें मारने के लिए दौड़ा रहा था। इसी अफवाह पर विवाद इतना बढ़ गया कि हत्या तक पहुंच गया।
पुलिस ने अपराध स्थल से बरामद साक्ष्य, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और आरोपियों के बयानों को अदालत में पेश किया। अभियोजक ने तर्क दिया कि छोटी-मोटी बात पर इतना घिनौना अपराध करने वालों को अधिकतम सजा मिलनी चाहिए। दूसरी ओर, बचाव पक्ष के वकील ने दलील दी कि आरोपी भाइयों की उम्र क्रमशः 19, 32 और 19 वर्ष है, और उनके खिलाफ कोई पुराना आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। इसलिए न्यूनतम सजा दी जाए।
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने तीनों भाइयों को आजीवन कारावास और 2-2 हजार रुपये जुर्माने की सजा का फैसला सुनाया। यह सजा सामाजिक न्याय और कानून की सख्ती का संदेश देती है।

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