दैनिक वेतन भोगियों ने किया वनरक्षक भर्ती रोकने की मांग

दैनिक वेतन भोगियों ने किया वनरक्षक भर्ती रोकने की मांग

नगरी से राजू पटेल की रिपोर्ट
नगरी। छत्तीसगढ़ राज्य वन विभाग के अंतर्गत विभिन्न वनवृत्तों/वनमंडलों में वनरक्षक के रिक्त 1484 पदों के अनुसार वनरक्षक भर्ती हेतु विज्ञापन जारी कर भर्ती की कार्यवाही की जा रही है। वनरक्षक भर्ती की इस प्रक्रिया में वनविभाग में 15 से 25 वर्षो तक लगातार कार्यरत दैनिक वेतन भोगियों को कोई लाभ नहीं दिया जा रहा है। जबकि वे उक्त पद हेतु निर्धारित शैक्षणिक योग्यता (12वीं उत्तीर्ण) रखते हैं। विभाग में लंबे वर्षों से कार्यरत रहने से विभाग से संबंधित कार्यों का हमें काफी अनुभव भी है। किंतु वनविभाग में इतने वर्षो की सेवा करने का दैनिक वेतन भोगियों को कोई लाभ नहीं दिया जा रहा है। जबकि दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी अपने उज्जवल भविष्य को लेकर नियमितकरण की आस में ही कम वेतन पर निष्ठापुर्वक कार्य कर रहे है। पूर्व में शासन/वरिष्ठ कार्यालय के निर्देश पर नियमितिकरण हेतु मुख्य वन संरक्षक रायपुर वृत्त रायपुर के पत्रा क्र/स्था/9741 दिनांक 12.10.2021 द्वारा दैनिक वेतनभोगी/अनियमित कर्मचारियों का वरीयता क्रम में जानकारी छ.ग. शासन को उपलब्ध कराया जा चुका है। पूर्व कांग्रेस सरकार ने नियमितीकरण करने का वादा किया था परन्तु नियमितीकरण नहीं किया गया। वर्तमान भाजपा सरकार ने 100 दिन में नियमितिकरण की कार्यवाही करने का मोदी की गारंटी कह कर दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों से वादा किये थे। उन्हें नियमित न करके सीधी भर्ती की कार्यवाही किया जा रहा है उक्त शासकीय सेवा में प्रवेश हेतु अधिकतम आयु सीमा समस्त छुट सहित 45 वर्ष रखी गयी है। जबकि दैनिक वेतनभोगी श्रमिकों का उम्र लगभग 45 वर्ष एवं उससे अधिक हो चुके है। जिससे वनविभाग के उक्त भर्ती कार्यवाही से उन्हे कोई अवसर नहीं मिल रहा है और न ही हमें भर्ती में कोई प्राथमिकता अथवा बोनस अंक आदि भी नहीं दिया जा रहा है। यह समस्त दैनिक वेतन भोगियों के साथ अन्याय हो रहा है।

छ.ग. शासन वनविभाग द्वारा किये जा रहे उक्त वनरक्षक भर्ती से माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित निर्णय का भी उल्लंघन हो रहा है जिसके अनुसार किसी भी निगम/मंडल में 10 वर्षो की सेवा पूर्ण कर चुके अनियमित कर्मचारियों को नियमितिकरण के पात्रा मानते हुवे उन्हें रिक्त पदों पर नियमित करने समस्त राज्य सरकारों को निर्देशित किया गया है। छ.ग. शासन वनविभाग द्वारा माननीय सुप्रीम कोर्ट के उक्त आदेश का पालन ना करते हुवे वनरक्षक के रिक्त 1484 पदों पर सीधी भर्ती की कार्यवाही की जा रही है। उक्त सीधी भर्ती की कार्यवाही द्वारा समस्त दैनिक वेतनभोगी/अनियमित कर्मचारियों को मौलिक अधिकारों से वंचित कर हमारा शोषण किया जा रहा है। इस प्रकार दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के साथ छल किये जाने एवं भर्ती में मौका/प्राथमिकता नहीं मिलने से ऐसा लगता है जैसे ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठ होकर सेवाएं देकर वे घोर अपराध कर रहे हैं। यह चिंतन का विषय है।

दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों ने माननीय उच्च न्यायालय से स्वतः संज्ञान लेने निवेदन किये है। और उच्च न्यायालय एवं शासन प्रशासन से मांग किये है कि उक्त समस्त बिन्दूओं के आधार पर गहराई से विचार कर छ.ग. शासन वनविभाग में वनरक्षक के रिक्त पदों हेतु की जा रही उक्त भर्ती तत्काल स्थगित कर उक्त पद हेतु अर्हता प्राप्त समस्त दैनिक वेतनभोगी श्रमिक को प्राथमिकता से नियमित किया जावे तदुपरांत शेष पदों पर सीधी भर्ती कार्यवाही से उन्हे कोई आपत्ती नहीं है। यह मांग समस्त वन दैनिक वेतन भेागी कर्मचारियों के जिला अध्यक्ष श्री योगेश कुमार साहू, श्री टेमन लाल सिन्हा, लालेश्वर कुमार साहू, तोषक पटेल, महेश देवांगन, राहूल पवार, निशांत दुबे, कैलाश सलाम, राजेश समुंद, राम भण्डारी, सुरेश गंधर्व, भूपेन्द्र कश्यप, जितेन्द्र साहू, अमित सोनी, देवेन्द्र ठाकुर आदि की।