शास्त्रीय संगीत के दिग्गज पद्मविभूषण पंडित छन्नूलाल मिश्रा का निधन

Pandit Chhannulal Mishra

शास्त्रीय संगीत के दिग्गज पद्मविभूषण पंडित छन्नूलाल मिश्रा का निधन

नई दिल्ली। उपशास्त्रीय संगीत की दुनिया में एक युग का अंत हो गया। बनारस घराने के प्रख्यात गायक और पद्मविभूषण से सम्मानित पंडित छन्नूलाल मिश्रा का 91 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनका अवसान मंगलवार भोर करीब 4:15 बजे मिर्जापुर के एक अस्पताल में हुआ, जहां वे लंबे समय से बीमार थे। छाती में संक्रमण और कमजोरी के कारण उनकी हालत बिगड़ गई थी।

पंडित जी का जन्म 1936 में उत्तर प्रदेश के महोबा जिले में हुआ था। उन्होंने ठुमरी, दादरा, चैती, भजन और ख्याल गायकी में अपनी अमिट छाप छोड़ी। बनारस और किराना घराने की शैली को उन्होंने नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। 2000 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, 2010 में पद्मभूषण और 2020 में पद्मविभूषण से नवाजे गए। 2014 के लोकसभा चुनाव में वे वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावक भी बने।

उनकी प्रसिद्ध रचनाओं में 'रस के भरे तोरे नैन', 'बड़े सुरिले हैं तेरे बोल' जैसी ठुमरियां शामिल हैं, जो आज भी श्रोताओं को मंत्रमुग्ध करती हैं। 11 सितंबर से तबीयत बिगड़ने के बाद वे अस्पताल में भर्ती थे। परिवार के अनुसार, उनका पार्थिव शरीर वाराणसी लाया जा चुका है, जहां बुधवार को अंतिम संस्कार किया जाएगा।

संगीत जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर उन्हें 'संगीत के सूरज' कहा, जबकि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनके योगदान को अमर बताया। पंडित छन्नूलाल मिश्रा का जाना भारतीय शास्त्रीय संगीत को अपूरणीय क्षति है, लेकिन उनकी सुरिली धुनें सदैव जीवित रहेंगी।